रायपुर के दीन दयाल उपाध्याय नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर में 11 वर्षीय मासूम बच्चे की लकड़ी के रूल से पिटाई का मामला सामने आया है। सैनिक स्कूल गोस्वामी सर एंड साहू सर सेंटर में यह घटना हुई, जिसमें बच्चे की पीठ और हाथ पर गहरी चोटें आई हैं। यह पिटाई सिर्फ इस बात पर की गई कि बच्चा अपना आईडी कार्ड लाना भूल गया था।
मोटे पैसों की वसूली और हिंसक अनुशासन
स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस कोचिंग सेंटर के संचालक गोस्वामी सर द्वारा पैरेंट्स से मोटी रकम वसूली जा रही है। कोचिंग के साथ ही एक हॉस्टल भी संचालित किया जा रहा है, जिसमें खाने के लिए 6,000 रुपये का शुल्क वसूला जाता है। घटना ने शहर में कोचिंग सेंटरों की मनमानी और हिंसक अनुशासन के खिलाफ गुस्सा पैदा कर दिया है।
बच्चों पर हिंसा से मानसिक दबाव
बच्चे की इस तरह से पिटाई करना न केवल शारीरिक रूप से नुकसानदायक है, बल्कि इससे बच्चों के मनोबल पर भी गंभीर असर पड़ता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की हिंसा से बच्चे मानसिक रूप से आहत हो सकते हैं, और इसका दीर्घकालिक प्रभाव उनके भविष्य पर पड़ सकता है। शिक्षा कानून के अनुसार, बच्चों पर इस तरह की हिंसा अवैध है, फिर भी इस कोचिंग सेंटर में बच्चों को बेरहमी से पीटा जा रहा है।
अभिभावकों की नाराजगी और कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद पैरेंट्स ने नाराजगी जाहिर की है और कोचिंग सेंटर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि कोचिंग सेंटर बच्चों की शिक्षा के नाम पर व्यवसाय चला रहे हैं और मोटी रकम वसूल रहे हैं, लेकिन अनुशासन के नाम पर बच्चों के साथ हिंसक व्यवहार कर रहे हैं।
अभिभावक यह भी कह रहे हैं कि कई बार इस तरह की घटनाओं से बच्चे अंदर ही अंदर टूट जाते हैं और गलत कदम उठाने के लिए मजबूर हो सकते हैं। अब सवाल यह उठता है कि इन कोचिंग सेंटरों पर कौन नजर रखेगा, और बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी कौन लेगा?
शहरवासियों और अभिभावकों की मांग है कि इस कोचिंग सेंटर के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो।