माता-पिता के इंकार के बाद 5 बहनों का मिला साथ, अब बने जम्मू-कश्मीर की जीत के हीरो; बेहद फिल्मी है इस खिलाड़ी की कहानी

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जम्मू-कश्मीर ने रणजी ट्रॉफी में मुंबई जैसी दिग्गज टीम को 5 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया। रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, अजिंक्य रहाणे, शार्दुल ठाकुर और शिवम दुबे जैसे बड़े खिलाड़ियों वाली मुंबई टीम को इस करारी हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में मुंबई के स्टार बल्लेबाज रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल दोनों बुरी तरह फ्लॉप रहे। दूसरी पारी में इन दोनों को जम्मू-कश्मीर के युवा गेंदबाज युद्धवीर सिंह चरक ने आउट किया।

युद्धवीर की यह परफॉर्मेंस चर्चा का विषय बनी हुई है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी जिंदगी की कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है? उनकी सफलता के पीछे उनकी 5 बहनों का बड़ा योगदान है। आइए जानते हैं युद्धवीर सिंह चरक की प्रेरक कहानी।


माता-पिता के इंकार के बाद बहनों का साथ

युद्धवीर सिंह चरक का जन्म 13 सितंबर 1997 को जम्मू के रूप नगर में हुआ। उनके माता-पिता चाहते थे कि वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें, लेकिन युद्धवीर का झुकाव हमेशा क्रिकेट की तरफ रहा। जब उनके माता-पिता ने क्रिकेट खेलने के लिए उनका समर्थन नहीं किया, तब उनकी 5 बहनों ने उनका हौसला बढ़ाया और हर संभव मदद की।

युद्धवीर का प्रोफेशनल करियर 12 नवंबर 2019 को शुरू हुआ, जब उन्होंने हैदराबाद के लिए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में डेब्यू किया। इसके बाद उनकी मेहनत रंग लाई, और आईपीएल 2020 में उन्हें मुंबई इंडियंस ने 20 लाख रुपये में खरीदा।


युद्धवीर का क्रिकेट करियर

हालांकि, मुंबई इंडियंस के लिए खेलने का मौका उन्हें नहीं मिला। लेकिन लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ जुड़ने के बाद उन्होंने आईपीएल में अपनी काबिलियत साबित की।

  • आईपीएल 2023: 3 मैचों में 3 विकेट
  • आईपीएल 2024: 2 मैचों में 1 विकेट

अब युद्धवीर राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा हैं, और आईपीएल 2025 में उनके अधिक मौके मिलने की उम्मीद है।

अब तक के आंकड़े:

  • फर्स्ट क्लास क्रिकेट: 9 मैच, 18 विकेट
  • लिस्ट ए क्रिकेट: 18 विकेट
  • टी20: 25 विकेट

युद्धवीर की प्रेरक कहानी

युद्धवीर की कहानी हमें यह सिखाती है कि सही सपोर्ट और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी बहनों ने जिस तरह उनका साथ दिया, वह हर किसी के लिए प्रेरणा है। रणजी ट्रॉफी में मुंबई जैसी मजबूत टीम को हराने में उनका योगदान न केवल जम्मू-कश्मीर के लिए गर्व का विषय है, बल्कि उनकी मेहनत और जुझारूपन का जीता-जागता उदाहरण भी है।

आने वाले समय में युद्धवीर सिंह चरक के नाम और उपलब्धियों को देखना रोमांचक होगा।

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