सीबीआई ने बीके मुताबिक एक बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है जिसमें आरोपियों ने डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी के माध्यम से पोंजी स्कीम चलाकर हजारों निवेशकों को ठगा. इन आरोपियों पर 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप है. सीबीआई ने इस मामले में 14 अक्टूबर 2024 को जांच अपने हाथ में ली थी और अब तक कई आरोपी पकड़े जा चुके हैं.
आरोपियों ने पांच फर्जी स्कीमों में निवेश के नाम पर लोगों से पैसे जुटाए. उन्होंने गारंटीड रिटर्न का झांसा देते हुए स्टांप पेपर पर फर्जी कॉन्ट्रैक्ट किए और जनता को ठगा. ये स्कीमें पूरी तरह से फर्जी थीं और लोगों से ठगी करने के लिए बेहद चालाकी से तैयार की गई थीं.
चार आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट
इस मामले में पहले से चार आरोपी, मोनालिशा दास, चाबिन बर्मन, दीपाली तालुकदार और मुकेश अग्रवाल कोर्ट में चार्जशीटेड हो चुके हैं. अब दीपांकर बर्मन पर भी कार्रवाई की जा रही है. सीबीआई की जांच अब और भी गहरे स्तर पर पहुंच चुकी है और आरोपी धीरे-धीरे सजा के करीब पहुंच रहे हैं.
IPC और BNS धाराओं के तहत आरोपियों पर कार्रवाई
सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और निवेशकों से ठगी के आरोप में आईपीसी और बीएनएस की अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज किए हैं. इन आरोपों के तहत कार्रवाई के बाद इस धोखाधड़ी का पैमाना और भी स्पष्ट हो गया है. सीबीआई ने असम सरकार की ओर से सौंपे गए 41 मामलों में से 35 पर एफआईआर दर्ज की हैं और 20 मामलों में चार्जशीट दाखिल की है. इस कार्रवाई ने घोटालेबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की शुरुआत की है.
अन्य बड़े घोटालेबाजों पर भी शिकंजा
सीबीआई के जांच दायरे में अब अन्य बड़े घोटालेबाज भी आ गए हैं. इनमें रंजीत काकोटी (TradingFX), बिशाल फुकन और सुमी बोरा (Percelia Consultancy), गोपाल पॉल (AJRS Marketing) जैसे नाम शामिल हैं. इन घोटालेबाजों के खिलाफ भी जांच तेजी से आगे बढ़ रही है.