केंद्रीय जीएसटी आयुक्तालय रायपुर में बजट बाद परामर्श कार्यक्रम आयोजित

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केंद्रीय जीएसटी आयुक्तालय रायपुर में बजट बाद परामर्श कार्यक्रम आयोजित

चेंबर प्रतिनिधि मंडल ने धारा 34 क्रेडिट नोट्स और जुर्माने से जुड़े प्रावधानों पर दिए सुझाव

रायपुर, – केंद्रीय जीएसटी आयुक्तालय रायपुर में बजट के बाद परामर्श और संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें चेंबर प्रतिनिधि मंडल ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में जीएसटी से जुड़े विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गई। चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने विशेष रूप से धारा 34 (क्रेडिट नोट्स) और जुर्माने की पूर्व जमा राशि से जुड़े मुद्दों पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए।

जुर्माना प्रावधान पर सुझाव

प्रतिनिधिमंडल ने जीएसटी मामलों में जुर्माने से संबंधित नए प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि बजट से पहले अपील दायर करने के लिए किसी पूर्व जमा राशि की आवश्यकता नहीं थी। लेकिन बजट के बाद के प्रस्ताव के अनुसार, कर की मांग को शामिल किए बिना केवल जुर्माने वाले मामलों में अपील दायर करने के लिए 10% जुर्माने की पूर्व जमा राशि की शर्त रखी गई है।

इसके अलावा, ट्रिब्यूनल स्तर पर भी इसी तरह की व्यवस्था लागू की जा रही है, जिससे कारोबारियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ सकता है। यह प्रावधान सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 112(8) (विधेयक के खंड 125) में संशोधन करके लागू किया जा रहा है। चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि इस प्रावधान को पूर्व की तरह यथावत रखा जाए।

धारा 34 (क्रेडिट नोट्स) में संशोधन पर सुझाव

धारा 34 में प्रस्तावित संशोधन के तहत यदि कोई आपूर्तिकर्ता कर देनदारी को कम करने के लिए क्रेडिट नोट जारी करता है, तो प्राप्तकर्ता को अनिवार्य रूप से उसका आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) वापस करना होगा। इस बदलाव का उद्देश्य आईटीसी दावों को वास्तविक लेनदेन के अनुरूप बनाना और राजस्व रिसाव को रोकना है।

हालांकि, चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने इसे अनुपालन के स्तर पर जटिलता बढ़ाने वाला प्रावधान बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे आपूर्तिकर्ता यह सत्यापित कर सके कि प्राप्तकर्ता ने अपना आईटीसी वापस किया है या नहीं। इससे सुलह प्रक्रिया जटिल हो जाएगी और भविष्य में विवाद बढ़ने की आशंका है, जिससे अतिरिक्त मुकदमेबाजी हो सकती है। इसलिए, इस प्रावधान को हटाने की मांग की गई।

पदाधिकारियों ने दिया सकारात्मक आश्वासन

कार्यक्रम में उपस्थित आयकर और जीएसटी विभाग के पदाधिकारियों ने चेंबर प्रतिनिधिमंडल द्वारा दिए गए सुझावों पर सकारात्मक रुख दिखाया और इस पर उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया। इस बैठक से व्यापारिक समुदाय को राहत मिलने की उम्मीद है।

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