टीम कैट ने अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों पर लगे 5 प्रतिशत जीएसटी से मुक्त रखने हेतु माननीय विधायक  विकास उपाध्याय जी से मुलाकात कर ज्ञापन सौपां

 

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मंगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि आज टीम कैट ने अनब्रांडेड प्रीपैक्ड खाद्यान्नों पर लगे 5 प्रतिशत जीएसटी से मुक्त रखने हेतु माननीय विधायक श्री विकास उपाध्याय जी (रायपुर पश्चिम विधानसभा) से मुलाकात कर ज्ञापन सौपां।

कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी एवं प्रदेश महामंत्री श्री सुरिन्द्रर सिंह ने बताया कि आज टीम कैट ने माननीय विधायक श्री विकास उपाध्याय जी से मुलाकात कर ज्ञापन सौपा। श्री दोशी एवं श्री सिंह ने माननीय विधायक महोदय को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि जीएसटी कॉउंसिल द्वारा हाल ही में हुई अपनी मीटिंग में पैक किए अथवा लेबल लगाए गए सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों एवं कुछ अन्य वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश पर देश के खाद्यान्न व्यापारियों में बेहद निराशा है। क्योंकि इससे आम सामान की कीमत पर बड़े ब्रांड का कारोबार बढ़ेगा। अब तक ब्रांडेड नहीं होने पर विशेष खाद्य पदार्थों, अनाज आदि को जीएसटी से छूट दी गई थी। कॉउन्सिल के इस निर्णय से प्री- पैक, प्री- लेबल दही, लस्सी और बटर मिल्क सहित प्री- पैकेज्ड और प्री-लेबल रिटेल पैक पर भी अब जीएसटी कर लगेगा और देश भर में 6500 से अधिक अनाज मंडियों में खाद्यान्न व्यापारियों के व्यापार में बड़ा अवरोध आएगा।

कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री परमानन्द जैन एवं प्रदेश कार्यकारी महामंत्री श्री भरत जैन ने बताया कि निश्चित रूप से जीएसटी कर संग्रह में वृद्धि होनी चाहिए किन्तु आम लोगों की वस्तुओं को कर स्लैब में लाने के बजाय कर का दायरा बड़ा करना चाहिए जिसके लिए जो लोग अभी तक कर दायरे में नहीं आये हैं, उनको कर दायरे में लाया जाए जिससे केंद्र एवं राज्य सरकारों का राजस्व बढ़ेगा। इस संबंध में हम सरकार के साथ सहयोग करने के लिए सदैव तत्पर हैं । आजादी से अब तक खाद्यान्न पर कभी भी कर नहीं था किन्तु पहली बार बड़े ब्रांड वाले खाद्यान्न को कर दायरे में लाया गया। सरकार की मंशा आम लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को कर से बाहर रख उनके दाम सदैव कम रखने की रही है। इसलिए ही वर्ष 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने इन जरूरी वस्तुओं को कर से बाहर रखा और इस बात को ध्यान में रखते हुए हमारा आपसे आग्रह है कि प्री पैक्ड एवं प्री- लेबल वस्तुओं पर पूर्व की भाँति जीएसटी को कर रहित किया जाए ।
श्री दोशी एवं सिंह ने माननीय विधायक महोदय से आग्रह किया कि देश में सभी बड़े ब्रांड की कंपनियां देश की आबादी के केवल 15 प्रतिशत जिसमें उच्चतम वर्ग, उच्च वर्ग एवं उच्च मध्य वर्ग के लोगों की ही जरूरतों की पूर्ती करते हैं जबकि बड़े स्तर पर देश के सभी राज्यों में छोटे निर्माता जिनका अपना लोकल लेबल ही होता है देश की 85 प्रतिशत आबादी की मांग को पूरा करते हैं ऐसे में इन वस्तुओं के जीएसटी में कर दायरे में आने से जहाँ छोटे निर्माताओं एवं व्यापारियों पर कर पालन का बोझ बढ़ेगा वहीं आम लोगों को मिलने वाली बुनियादी वस्तुएं भी महंगी हो जाएंगी।

माननीय विधायक श्री विकास उपाध्याय जी ने ज्ञापन का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया और टीम कैट को सकारात्मक आश्वासन दिया ।
माननीय विधायक महोदय को ज्ञापन सौपतें समय टीम कैट के पदाधिकारी मुख्य रूप उपस्थित रहे :- परमानन्द जैन, सुरिन्द्रर सिंह, भरत जैन, नरेश पाटनी, प्रीतपाल सिंह बग्गा, विजय जैन, महेन्द्र बागरोड़िया एवं भगवान दास अग्रवाल आदि।

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