रायपुर। देश में बढ़ती महंगाई और गृहणियों को हो रही परेशानी के मद्देनजर छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस ने ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अलका लांबा एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती फूलो देवी नेताम के निर्देशानुसार मोदी सरकार को घेरा। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता में छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव एवं प्रदेश प्रवक्ता प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की विफल नीतियों के कारण बढ़ती महंगाई का साया भारतीय घरों पर गहराया हुआ है। इसका सबसे अधिक असर गृहिणियों पर पड़ रहा है। ये अनसुनी नायिकाएं, जो परिवार, वित्त और कल्याण के बीच संतुलन बनाती हैं, लगातार बढ़ती कीमतों के तूफान में जूझ रही हैं। यह प्रेस वार्ता गृहिणियों की दुर्दशा और उनकी पीड़ा के सत्य की आवाज़ को बुलंद करने के लिए है।
उन्होंने कहा कि हम गृहिणियों के मौन संघर्षों से आंखें नहीं चुरा सकते। आज उनकी इस दुर्दशा पर मौन साधे प्रधानमंत्री पिछले 10 साल में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपाय लागू करने में विफल साबित हुए है, केंद्र सरकार आवश्यक वस्तुओं पर सब्सिडी या मूल्य नियंत्रण करने की जगह बड़े उद्योगपतियों का 10 लाख करोड़ पिछले 10 साल में “बैंक लोन – राइट ऑफ़” के माध्यम से माफ़ कर चुकी है। गृहिणियों पर “बढ़ती महंगाई” का बोझ: आंकड़े बयां करते हैं।
प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने कहा कि गृहिणियों की पीड़ा को यदि आज कोई समझ रहा है तो वह देश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हमारे नेता राहुल गांधी है, जो “नीति संचालित” राजनीति के माध्यम से आम जन की तकलीफ़ों को हल करने का मार्ग प्रदर्शित कर रहें, आज देश भाजपा की मुद्दों से भटकाने वाली राजनीति के ख़िलाफ़ एकजुटता से लड़ाई लड़ रहा है।
प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने कहा कि सब्जियों की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है। प्याज़ की कीमत भी आसमान छू रही। वहीँ अनगिनत रसोइयों की जीवन रेखा, एलपीजी सिलेंडर की कीमतें पिछले सालों में बढ़ कर 1050 रुपए तक पहुंच गई है। यह बजट पर काफी दबाव डालती है, जिससे परिवारों को गैस के उपयोग में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। दालों की कीमत में तेज वृद्धि देखी गई है। खाना पकाने का तेल, जो रसोई की एक जरूरी चीज है, इसकी कीमत लगातार बढ़ रही है।
प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने कहा कि खाद्य पदार्थों, ईंधन और बुनियादी जरूरतों जैसी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतें आय वृद्धि को पछाड़ रही हैं, जिससे गृहिणियों के बजट सिकुड़ रहे हैं। उन्हें कई कठिन विकल्पों का सामना करना पड़ता है, अपनी जरूरतों का त्याग करना या अपने परिवारों के लिए भोजन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की गुणवत्ता और मात्रा कम करना। सीमित साधनों में प्रबंधन करने का लगातार दबाव, बढ़ती कीमतों की चिंता के साथ मिलकर, गृहिणियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है।
उक्त प्रेस वार्ता में श्रीमती आशा चौहान, श्रीमती प्रगति बाजपेई, श्रीमती सुनीता शर्मा, श्रीमती हाजरुन खान बानो, श्रीमती नीलिमा मिश्रा, श्रीमती सुषमा ध्रुव, श्रीमती पूनम यादव, श्रीमती ममता राय एवं श्रीमती गंगा यादव आदि भी उपस्थित रहीं।