बीरनपुर और पीएससी मामले की सीबीआई जांच पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा को अपने पुलिस पर भरोसा नहीं है या अपने शासन प्रणाली पर भरोसा नहीं है जो सीबीआई जांच करवा रहे है। क्या पुलिस इस मामले की जांच करने में सक्षम नहीं है या साय सरकार का शासन तंत्र कमजोर है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब सीबीआई जांच कराने की बात हो ही रही है। भाजपा में साहस हो तो वह झीरम मामले की सीबीआई जांच करवाये। एनआईए झीरम मामले पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची। भूपेश सरकार के द्वारा गठित एसआईटी को जांच नहीं करने दिया गया, न्यायिक जांच भी अधूरी है। ऐसे में झीरम मामले की भी सीबीआई जांच होनी चाहिये।
झीरम मामले की सीबीआई जांच क्यों जरूरी?
. एनआईए की जांच में कुछ सामने नहीं आया।
. एनआईए ने भूपेश सरकार के द्वारा गठित एसआईटी को मामले की फाईल नहीं वापस किया था, इस कारण एसआईटी जांच शुरू नहीं कर पाई थी।
. एनआईए ने घटना के राजनैतिक षड़यंत्रों की जांच नहीं किया था।
. न्यायिक आयोग की जांच भी लंबित है।
राज्य की एसआईटी जांच शुरू करें
सीबीआई से जांच नहीं करवा सकते तो राज्य के द्वारा गठित एसआईटी से जांच करवाया जाय। सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए को राज्य की एसआईटी को फाईल वापस देने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के दिसंबर 2023 के फैसले के बाद एसआईटी की जांच का रास्ता खुल गया है। भाजपा सरकार झीरम मामले की जांच के लिये पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जांच शुरू करवाये।