भाजपा प्रवक्ता और ओडिशा के पुरी से लोकसभा उम्मीदवार संबित पात्रा के एक बयान ने सियासी हलचल मचा दी है। सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने भगवान जगन्नाथ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भक्त बता दिया। इस बयान के बाद विपक्ष ने जमकर आलोचना की, जिससे विवाद गहराता गया।
विधायक पुरंदर मिश्रा का समर्थन
रायपुर उत्तर विधायक और भगवान जगन्नाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने संबित पात्रा का बचाव करते हुए कहा कि उनके बयान का अर्थ गलत तरीके से लिया गया। उन्होंने कहा कि “भक्त और भगवान का अलौकिक संबंध है, जिसमें कभी भक्त भगवान का नाम लेते हैं तो कभी भगवान भक्तों का।” मिश्रा ने इसे ओडिशा की संस्कृति से जोड़ते हुए कहा कि “वहां भगवान अपने भक्तों से मिलने बाहर निकलते हैं। भगवान और भक्त एक-दूसरे के सहारे होते हैं।”
मिश्रा ने दावा किया कि पात्रा की भावना गलत नहीं थी, बल्कि उनकी जबान फिसल गई थी। उन्होंने इस मामले में राजनीति करने वालों की निंदा की और कहा कि विपक्ष ऐसे मुद्दों को तूल देकर अपनी हार स्वीकार कर रहा है।
संबित पात्रा की माफी और उपवास
विवाद बढ़ने के बाद संबित पात्रा ने माफी मांगते हुए तीन दिनों के उपवास का ऐलान किया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “आज महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी को लेकर मुझसे जो भूल हुई है, उस विषय को लेकर मेरा अंतर्मन अत्यंत पीड़ित है। मैं महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के चरणों में शीश झुकाकर क्षमा याचना करता हूँ। अपने इस भूल सुधार और पश्चाताप के लिए अगले 3 दिन मैं उपवास पर रहूँगा। जय जगन्नाथ।”
विपक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पात्रा के बयान की कड़ी निंदा की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर लिखा, “यह उनके अभिमान की पराकाष्ठा है कि वे खुद को भगवान से ऊपर मानने लगे हैं।” राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट से लिखा, “जब प्रधानमंत्री खुद को शहंशाह और दरबारी उन्हें भगवान समझने लगें तो मतलब साफ है कि पाप की लंका का पतन नज़दीक है। करोड़ों लोगों की आस्था को चोट पहुंचाने का अधिकार मुट्ठी भर भाजपा के लोगों को आखिर किसने दिया? यह अहंकार ही उनके विनाश का कारण बन रहा है।”
संबित पात्रा के बयान ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि पात्रा ने अपनी गलती मानते हुए माफी मांग ली है, लेकिन विपक्ष इसे भाजपा के अभिमान का प्रतीक मानते हुए निशाना साध रहा है। विधायक पुरंदर मिश्रा ने पात्रा का बचाव करते हुए उनकी भावना को सही बताया और मामले को ओडिशा की संस्कृति से जोड़ा। अब देखना यह होगा कि यह विवाद आगे किस दिशा में जाता है।