रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देशानुसार, 14 नवंबर 2024 से पूरे प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है। इसी क्रम में रायपुर ग्रामीण के विधायक श्री मोतीलाल साहू ने सेजबहार धान खरीदी केंद्र में इस प्रक्रिया का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर समिति में सहकारिता सप्ताह (14 से 20 नवंबर) का आयोजन भी किया गया, जिसका उद्देश्य सहकारिता के महत्व को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे:
मुख्य अतिथि: श्री मोतीलाल साहू, विधायक रायपुर ग्रामीण
अध्यक्षता: श्री नंदकुमार साहू, पूर्व विधायक रायपुर ग्रामीण
विशिष्ट अतिथि:
श्री जितेंद्र धुरंधर, मंडल अध्यक्ष, पचपेड़ी नाका
श्री हिमांचल प्रसाद साहू, पूर्व सरपंच, बोरियाकला
श्रीमती अनिता साहू, सरपंच, ग्राम सेजबहार
सहकार भारती छत्तीसगढ़ की महिला सह प्रमुख प्रिया सिंह
कार्यक्रम में समिति के कर्मचारी, कृषक, और क्षेत्र के प्रमुख नागरिक भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
किसानों को 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का लाभ
श्री मोतीलाल साहू ने अपने संबोधन में किसानों को जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा किए गए चुनावी वादे के अनुरूप 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान की खरीदी की जा रही है। उन्होंने सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बताते हुए किसानों से अपील की कि वे सहकारिता के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक प्रगति करें।
सहकारिता के महत्व पर चर्चा
विधायक श्री नंदकुमार साहू ने अपने उद्बोधन में राज्य सरकार की नीतियों की सराहना की। उन्होंने सहकारी क्षेत्र में विकास के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त किया।
महिला सह प्रमुख प्रिया सिंह ने महिलाओं को सहकारिता से जुड़ने और कुटीर व गृह उद्योगों के जरिए आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने शासन की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए स्वयं सहायता समूहों के गठन की अपील की।
सहकारिता के माध्यम से समृद्धि की ओर
कार्यक्रम में जिला सहकारी संघ रायपुर के प्रतिनिधि श्री रूपेश परमार ने सहकारिता से संबंधित योजनाओं और उनके लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सहकारिता को ग्रामीण विकास का महत्वपूर्ण आधार बताते हुए इसे आर्थिक उन्नति का एक सशक्त माध्यम बताया।
किसानों और जनता के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
यह आयोजन छत्तीसगढ़ सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता और सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण विकास को गति देने के प्रयासों का प्रतीक है। बड़ी संख्या में किसानों और ग्रामीणों की उपस्थिति ने इस आयोजन को सफल और सार्थक बनाया।