Related Articles
श्रीनगर \ अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) आज, 29 जून से शुरू हो गई है। इसके लिए पहला जत्था 28 जून को रवाना हुआ था। श्रद्धालु हर-हर महादेव के जयघोष के साथ यात्रा पर निकल पड़े हैं। अमरनाथ यात्रा को स्वर्ग का द्वार कहा जाता है।
अब आप देश के किसी भी कोने से आसानी से अमरनाथ यात्रा पर जा सकते हैं। बस, ट्रेन या फ्लाइट, तीनों मार्ग से बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकते हैं। यदि आप ट्रेन या बस से आ रहे हैं, तो आपको कटरा तक पहुँचना होगा। वहीं फ्लाइट से आने वाले श्रद्धालुओं को श्रीनगर आना होगा। इसके बाद जम्मू (कटरा) से आपको पहलगाम या बालटाल (कश्मीर) जाना होगा। इसी तरह, श्रीनगर से भी पहलगाम या बालटाल जाया जा सकता है। पहलगाम मार्ग बालटाल मार्ग से थोड़ा लंबा है। बालटाल के लिए यात्रा आधार शिविर गांदरबल जिले में सोनमर्ग के पास स्थित है। श्रीनगर से बालटाल लगभग 95 किलोमीटर दूर है।
पंजीकरण और व्यवस्थाएं: इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए तीन लाख पचास हजार से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया है। पवित्र गुफा तक पहुँचने के दोनों मार्गों पर 125 सामुदायिक लंगर स्थापित किए गए हैं और 6,000 से अधिक स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की सहायता कर रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि 28 जून से 19 अगस्त तक विभिन्न मार्गों पर यातायात प्रतिबंध लगाए जाएंगे तथा लोगों की असुविधा को कम करने के लिए नियमित रूप से परामर्श जारी किया जाएगा।
श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा एक अद्वितीय धार्मिक अनुभव है। सुरक्षा और सुविधाओं का ध्यान रखते हुए, इस साल की अमरनाथ यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की गई हैं। सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे यात्रा के दौरान नियमों का पालन करें और अपने साथ आवश्यक दस्तावेज और सामान रखें। बाबा बर्फानी के दर्शन की यह यात्रा सभी के लिए मंगलमय हो।