रायपुर। छत्तीसगढ़ में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई छत्तीसगढ़िया ओलंपिक योजना अब समाप्त होने जा रही है। सरकार बदलने के बाद साय सरकार ने इसे बदलने का निर्णय लिया है और इसके स्थान पर नई क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना लाने की तैयारी की जा रही है।
खेल मंत्री टंक राम वर्मा ने इस मामले में कहा कि, “केंद्र सरकार की खेलो इंडिया की तर्ज पर हम छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना ला रहे हैं। इस योजना में कई पारंपरिक खेल भी शामिल होंगे। कांग्रेस सरकार ने खेलों के नाम पर कुछ नहीं किया और राजीव युवा मितान क्लब में भी करोड़ों का घपला किया। क्लब के खातों को फ्रिज करके साढ़े 7 करोड़ रुपए वापस ले लिया गया है।”
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत पिछले वर्ष 17 जुलाई को हरेली के दिन हुई थी। इसकी घोषणा वर्ष 2022 में कांग्रेस सरकार द्वारा की गई थी और इसके लिए 25 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था। इस योजना के अंतर्गत 4 स्तर पर खेल आयोजित किए जाते थे: ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला, और राज्य स्तर पर। इनमें 18 से 40 साल तक के महिला और पुरुष खिलाड़ी भाग ले सकते थे।
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में राज्य के 14 प्रकार के पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया था। इनमें गेड़ी दौड़, गिल्ली-डंडा, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, पिठ्ठुल, संखली, रस्साकसी, कंचा, बिल्लस, फुगड़ी, भंवरा, 100 मीटर दौड़, और लंबीकूद जैसे खेलों में प्रतिस्पर्धा आयोजित कराई जाती थी।
नई क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना के आने से छत्तीसगढ़ के खेल जगत में नए आयाम देखने को मिल सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि यह योजना खेलों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और राज्य के खिलाड़ियों को अधिक अवसर प्रदान करेगी।