छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष ने बलौदा बाज़ार आगजनी मामले पर स्थगन प्रस्ताव लाया है। इस चर्चा की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की, जिस पर सत्ता पक्ष की ओर से पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने आपत्ति जताई। चंद्राकर ने कहा कि बलौदाबाजार मामले की न्यायिक जांच चल रही है, इसलिए इस मामले पर विधानसभा में चर्चा उचित नहीं है। इसी के चलते सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई और हंगामा मच गया।
काम रोको प्रस्ताव खारिज, नारेबाजी और हंगामा
चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने काम रोको प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसके बाद सतनामी समाज को न्याय देने को लेकर विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की। इस हंगामे के बीच अध्यक्ष रमन सिंह ने सदन की कार्यवाही 3 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।
कार्यवाही फिर शुरू होने पर हंगामा जारी
सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने बलौदा बाज़ार मामले पर चर्चा प्रारंभ कर दी। स्पीकर ने सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाना चाहा, जिससे नाराज होकर कांग्रेस के सभी सदस्य गर्भगृह में घुसकर “मुख्यमंत्री इस्तीफा दो, सतनामी समाज को न्याय दो” जैसे नारे लगाने लगे।
29 विपक्षी सदस्यों का निलंबन
इसी बीच स्पीकर ने नियमानुसार विपक्ष के 29 सदस्यों के निलंबन की घोषणा की और सभी को सदन से बाहर जाने का आदेश दिया। परंतु इसका विपक्ष पर कोई असर नहीं हुआ और वे सरकार विरोधी नारे लगाते रहे। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।