बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका दे दिया है। सीएम नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इसके साथ ही जेडीयू ने मणिपुर के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह को अध्यक्ष पद से हटा दिया है। जेडीयू ने यह फैसला मणिपुर के राज्यपाल को पत्र लिखने के बाद लिया।
क्या भाजपा पर पड़ेगा कोई असर?
हालांकि, समर्थन वापस लेने का बीरेन सिंह सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास 37 सीटें हैं और उसे नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।
जेडीयू के पत्र में क्या-क्या लिखा?
- जेडीयू ने राज्यपाल को पत्र में लिखा कि 2022 में मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनाव में (JDU) द्वारा खड़े किए गए 6 उम्मीदवारों को वापस कर दिया गया। कुछ महीनों के बाद (JDU) के पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए।
- (JDU) के INDIA गठबंधन का हिस्सा बनने के बाद, राज्यपाल, सदन के नेता (मुख्यमंत्री) और स्पीकर के कार्यालय को सूचित करके (JDU) द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया गया।
- पत्र में आगे लिखा कि इस प्रकार मणिपुर में (JDU) के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को विधानसभा के अंतिम सत्र में विपक्ष की बेंच में बैठाया गया है।
- यह भी दोहराया जाता है कि (JDU) मणिपुर इकाई मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का समर्थन नहीं करती है, और हमारे एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को सदन में विपक्षी विधायक के रूप में माना जाएगा।
क्यों हटाए गए प्रदेश अध्यक्ष?
जदयू ने भाजपा के साथ अपने संबंधों को लेकर बढ़ती अटकलों को शांत करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि सिंह को अनुशासनहीनता के कारण उन्हें हटाया गया है। पार्टी पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देना जारी रखेगी।