क्फ संशोधन बिल पर जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) की शुक्रवार को हुई बैठक में भारी हंगामा हुआ। असदुद्दीन ओवैसी और कल्याण बनर्जी समेत 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। विपक्षी सांसदों का आरोप है कि उनकी बात सुनी नहीं जा रही। हालात इतने बिगड़ गए कि मार्शल को बुलाना पड़ा।
27 जनवरी तक बैठक स्थगित
जेपीसी की बैठक 27 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी का विरोध किया। बैठक के दौरान दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
निशिकांत दुबे का आरोप
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “विपक्ष, विशेष रूप से असदुद्दीन ओवैसी, का मानना था कि जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधित्व को पूरी तरह से नहीं सुना गया। उनकी मांग थी कि चुने हुए प्रतिनिधियों को बुलाया जाए। हालांकि, विपक्ष ने मीरवाइज के सामने हंगामा और दुर्व्यवहार कर संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ काम किया।”
कल्याण बनर्जी का बयान
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “हमने 30 और 31 जनवरी को बैठक आयोजित करने का अनुरोध किया था, लेकिन हमारी मांग को अनसुना कर दिया गया। जब हम दिल्ली पहुंचे, तो बैठक का विषय अचानक बदल दिया गया। जो हो रहा है, वह अघोषित आपातकाल जैसा है। यह राजनीति से प्रेरित है और विपक्ष के सदस्यों का सम्मान नहीं किया जा रहा। जेपीसी एक तमाशा बन गई है।”
अपराजिता सारंगी ने विपक्ष पर साधा निशाना
भाजपा सांसद और जेपीसी सदस्य अपराजिता सारंगी ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा, “कल्याण बनर्जी के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने अध्यक्ष जगदंबिका पाल के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया। हम इसकी निंदा करते हैं। सरकार ने 44 संशोधन पेश किए हैं, जिन पर पहले ही चर्चा हो चुकी है। अब अध्यक्ष चाहते हैं कि दोनों संबंधित संगठन अपने विचार रखें।”
अपराजिता ने कहा कि जेपीसी को अनिश्चितकाल तक नहीं चलाया जा सकता और चर्चा पूरी करनी होगी।