बिलासपुर में हाईवे पर लगे 31 हाईटेक कैमरे, ओवरस्पीड पर नजर

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बिलासपुर। सकरी तुर्काडीह से पाली के बीच नेशनल हाईवे 130 पर निर्धारित रफ्तार से ज्यादा तेज दौड़ने वाले वाहनों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 53 किलोमीटर के दायरे में 31 अत्याधुनिक कैमरे लगा दिए हैं।

इनकी मदद से न केवल ओवरस्पीडिंग पर नजर रखी जा रही है, बल्कि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ आगे चलकर कार्रवाई भी होगी। नेशनल हाईवे 130 सकरी से पाली के बीच दुर्घटना के लगातार बढ़ते मामलों व आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए इस पर लगाम लगाने एनएचएआइ ने पहल की है।

इसके तहत सकरी से पाली के बीच 53 किलोमीटर के दायरे में सीसीटीवी कमरे लगाए हैं। इन कैमरों से निगरानी के लिए लिम्हा टोल प्लाजा में कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। इससे ओवरस्पीड वाहन चलाकर पहुंचने वाले वाहन चालकों को एनएचएआइ के अधिकारी टोल प्लाजा में निर्धारित रफ्तार से अधिक तेज वाहन न चालने की समझाइश दे रहे हैं।

अधिकारी बता रहे हैं कि अत्यधिक रफ्तार से वाहन चालने पर अपनी जान तो जोखिम में होती है। साथ ही दूसरों की जान को हम जोखिम में डालते हैं। इसके अलावा सड़क की क्षमता रफ्तार के आधार पर बनाई जाती है। अत्यधिक रफ्तार से वाहन चलने पर सड़क भी खराब होने की आशंका बनी रहती है। अधिकारियों की मानें तो पीटीजेड कैमरा लगने के बाद हाईवे पर सफर अब पहले से ज्यादा सुरक्षित हो चुका है।

 

1.5 किलोमीटर दूर से ही पकड़ लेंगे स्पीडिंग वाहन

हाईटेक पीटीजेड (पैन, टिल्ट, जूम) कैमरे डेढ़ किलोमीटर दूर से भी गाड़ियों के नंबर प्लेट कैप्चर कर सकते हैं। लिम्हा टोल प्लाजा में बनाए गए कंट्रोल रूम से इन कैमरों की सातों दिन 24 घंटे निगरानी की जा रही है।

शुरुआत में केवल वाहन चालकों को स्पीड लिमिट का पालन करने की समझाइश दी जा रही है। मगर, जल्द ही नियम तोड़ने वालों के खिलाफ ई-चालान जारी किया जाएगा।

जांच में पुलिस के लिए मददगार होगा कैमरा

नेशनल हाईवे पर अपराध होने या किसी दुर्घटना की स्थिति में ये सीसीटीवी कैमरे पुलिस की मदद करेंगे। किसी भी घटना के सटीक कारणों का पता लगाना आसान होगा, जिससे दोषियों तक जल्दी पहुंचा जा सकेगा। इससे न केवल सड़क हादसे रुकेंगे बल्कि हाईवे पर बढ़ते अपराधों पर भी लगाम लगेगी।

दो साल में 15 से अधिक मौत, 50 घायल

सकरी तुर्काडीह से लिम्हा टोल प्लाजा के बीच दो ब्लैक स्पॉट थे। इनमें से एक सेंदरी चौक और दूसरा बेलतरा मोड़। इसके अलावा खूंटाघाट क्षेत्र के कुछ एरिया है, जहां पर दुर्घटना होती है। पुलिस विभाग के अधिकारियों की मानें तो दो साल में इस मार्ग पर लगभग 15 मौतें हुई हैं। वही 50 से अधिक घायल हुए हैं।

कार की 80 और हैवी वाहन की 60 है स्पीड

रायपुर अम्बिकापुर नेशनल हाइवे में बनी सड़क पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने निर्धारित गति सीमा कार के लिए 80 और हैवी वाहनों के लिए गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की है।

बावजूद इसके वाहन चालक जल्दबाजी में पहुंचने के लिए निर्धारित गतिसीमा से ज्यादा रफ्तार में अपना वाहन चलाते हैं। इससे दुर्घटना की आशंका कई गुना बढ़ जाती है। दूसरा इससे सड़क भी खराब होती है।

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