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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच आज (13 फरवरी) एक अहम बैठक होने जा रही है। इस मुलाकात पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई हैं क्योंकि इसमें इमिग्रेशन, टैरिफ, वैश्विक राजनीति और व्यापार से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
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भारत पर पड़ेगा ट्रंप के फैसलों का असर?
हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट कर भारत भेज दिया है। इसके अलावा, अमेरिका में 18,000 से अधिक ऐसे भारतीय प्रवासी हैं, जिनके पास वैध कागजात नहीं हैं और आशंका है कि जल्द ही 800 और भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा जा सकता है। इस मुद्दे पर पीएम मोदी ट्रंप से वार्ता कर सकते हैं और भारतीय प्रवासियों को राहत दिलाने की कोशिश कर सकते हैं।
टैरिफ को लेकर भी होगी बातचीत
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में स्टील और एल्यूमीनियम के आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, जिससे भारतीय कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। मोदी सरकार चाहती है कि अमेरिका इस टैरिफ में कुछ छूट दे, ताकि भारतीय कंपनियों को राहत मिल सके। वहीं, अमेरिका चाहता है कि भारत अपने टैरिफ में कटौती करे ताकि अमेरिकी कंपनियों को अधिक व्यापारिक लाभ मिल सके।
रूस-यूक्रेन युद्ध और मिडिल ईस्ट की शांति पर चर्चा संभव
भले ही इजरायल-हमास युद्धविराम पर समझौता हो चुका हो, लेकिन मिडिल ईस्ट में स्थायी शांति बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी रणनीति को और मजबूत करना चाहता है। वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है, जिसका असर भारत पर भी पड़ा है। दोनों नेता इस मुद्दे पर समाधान निकालने के प्रयास कर सकते हैं।
ब्रिक्स करेंसी को लेकर ट्रंप की चेतावनी
राष्ट्रपति ट्रंप भारत समेत ब्रिक्स देशों की उस पहल से नाराज हैं, जिसमें अमेरिकी डॉलर की जगह वैकल्पिक करेंसी के जरिए व्यापार करने की योजना बनाई जा रही है। ट्रंप ने कड़ी चेतावनी दी है कि अगर कोई भी देश डॉलर की जगह अन्य करेंसी अपनाता है, तो उस पर 100 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। ऐसे में पीएम मोदी इस मुद्दे पर ट्रंप के साथ संतुलित बातचीत कर सकते हैं।
व्यापार और निवेश को मिलेगा बढ़ावा?
पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान वे टेस्ला के सीईओ एलन मस्क समेत कई दिग्गज बिजनेस लीडर्स से भी मुलाकात करेंगे। भारत चाहता है कि अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश बढ़ाएं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले। वहीं, ट्रंप चाहते हैं कि भारत अधिक अमेरिकी उत्पादों का आयात करे, जिससे अमेरिका का व्यापार घाटा कम हो सके।
चीन की बढ़ती गतिविधियों पर भी रहेगा फोकस
प्रशांत महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए पीएम मोदी क्वाड (QUAD) को और मजबूत करने पर जोर दे सकते हैं। भारत इस साल क्वाड सम्मेलन का आयोजन कर रहा है और उम्मीद है कि पीएम मोदी इस बैठक में ट्रंप को नई दिल्ली आने का न्योता दे सकते हैं।
आतंकवाद पर भी होगी चर्चा
अमेरिका ने हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, और ट्रंप प्रशासन इस पर और भी सख्त फैसले लेने के मूड में है। इसका असर पाकिस्तान पर पड़ सकता है, जिससे भारत को भी अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा। पीएम मोदी इस मौके का फायदा उठाकर आतंकवाद पर मिलकर काम करने का प्रस्ताव रख सकते हैं।
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