रायपुर/14 सितंबर 2022। बिजली बिल के दाम मे मामूली बढ़ोतरी मजबूरी में राज्य सरकार ने किया है। इसके लिये जवाबदेह केन्द्र सरकार है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बिजली उत्पादन का प्रमुख घटक कोयला है। केन्द्र सरकार विद्युत कंपनी को पर्याप्त मात्रा में कोयला उपल्बध नही करा पा रही है और इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने फरमान जारी किया है कि देश के सभी विद्युत कंपनी को 10 फीसदी अयातित कोयला उपयोग करना होगा। जो हमारे राज्य की कोयले की कीमत से अयातित कोयला की कीमत लगभग 4 से 6 गुना ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में विद्युत कंपनी के साथ देश भर में बिजली उत्पादन लागत बढ़ गयी। इससे बिजली के दामों में 30 पैसे की मामूली बढ़ोत्तरी करनी पड़ी। यह बढ़ोत्तरी मोदी सरकार की अकर्मण्यता तथा मोदी के अडानी प्रेम के कारण हुयी है। मोदी सरकार को यह मालूम है कि देश भर की विद्युत कंपनिया 10 फीसदी तक अयातित कोयला का उपयोग करेगी तो उनकी मजबूरी होगी कि वह अडानी से कोयला खरीदेगी। देश का सबसे बड़ा कोयला आयातक अडानी समूह है। अडानी को फायदा पहुंचाने के लिये ही केन्द्र सरकार ने ये फरमान जारी किया है। जिसका खामियाजा देश भर की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब केन्द्र सरकार कोयला आयात करने को अनिवार्य किया था उसी समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका विरोध करते हुये कहा था इससे बिजली महंगी हो जायेगी केन्द्र ने उनकी बात नही माना और अंततः बिजली के दाम बढ़ाना पड़ा। छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां पर पर्याप्त मात्रा में कोयला खदाने है हमारे यहां का कोयला केन्द्र दूसरे राज्यों को भेजता है उत्पादक राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ को उसकी जरूरत का पूरा कोयला प्राथमिकता से दिया जाये और कोयला विदेश से आयात करने की शर्त छत्तीसगढ़ पर न थोपी जाये तो हमारे यहा बिजली सस्ती हो जायेगी।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार केन्द्र सरकार की तमाम अवरोधों के बावजूद अपने राज्य के उपभोक्ताओं को सस्ते दर में बिजली देने को प्रतिब्द्ध है। कांग्रेस सरकार 400 यूनिट तक की बिजली का दाम आधा ही लेती है। 40 लाख उपभोक्तओं को 400 यूनिट तक बिजली आधे दाम में मिल रही है। देश की अकेली राज्य सरकार भूपेश सरकार है जो 400 यूनिट तक बिजली आधे दाम में दे रही है। इस मामूली बढ़ोत्तरी के बावजूद देश में सबसे सस्ती बिजली छत्तीसगढ़ में है।