रायपुर /गढ़बो सुपोषित छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा तीन साल पहले शुरू की गई मुख्यमंत्री सुपोषण योजना ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं। इसे देखते हुए कई क्षेत्रों में नवाचार और उत्साह के साथ योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसी कड़ी में बालोद जिले में योजना को शतप्रतिशत सफल बनाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में किन्ही कारणों से नहीं आ पाने वाली 650 महिलाओं को घर पहुंच टिफिन सेवा के माध्यम से गर्म पका भोजन देने की शुरूआत की गई है। इससे गर्भवती और शिशुवती माताओं के साथ उनके बच्चों की भी देखभाल हो रही है।
उल्लेखनीय है कि 2 अक्टूबर 2019 से 6 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों और 15 से 49 वर्ष की एनीमिक महिलाओं की सेहत की देखभाल के लिए प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई। इससे अब तक 2 लाख 10 हजार बच्चे कुपोषण के चक्र से बाहर आ गए हैं। यह कुपोषित बच्चों की संख्या का लगभग 50 प्रतिशत है। साथ ही लगभग एक लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो चुकी हैं। गर्भावस्था और शिशुवती माताओं के लिए पौष्टिक आहार बहुत जरूरी होता है। माता के माध्यम से यह आहार बच्चों को भी सेहतमंद रखता है। पोषक आहार की कमी से माता और बच्चों में एनीमिया और कुपोषण के लक्षण आने लगते हैं। शारीरिक कमजोरी से बीमारी से संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है। इसे देखते हुए आंगनबाड़ियों में योजना के तहत स्थानीय पौष्टिक आहार और गर्म पका भोजन देने की शुरूआत की गई है।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के अंतर्गत बालोद जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में टिफिन सेवा प्रारंभ कर दी गई है। ज्ञातव्य हो कि बालोद कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा ने महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को प्राथमिकता से लेते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्म भोजन करने नहीं आने वाली महिलाओं को घर पहुंच टिफिन की सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए थे। इस पर त्वरित अमल करते हुए सभी गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को गर्म पका भोजन प्रदान किया जा रहा है।