सर्दियों में बढ़ जाती है कॉन्सटिपेशन की समस्या?, जानिए कब्ज और सर्दी का क्या है कनेक्शन
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कब्ज एक बहुत ही आम समस्या है, लेकिन अगर किसी को हो जाए तो व्यक्ति हर वक्त परेशान रहता है. इससे हर दूसरा या तीसरा व्यक्ति जूझ रहा है. कब्ज की समस्या से व्यक्ति हर वक्त चिड़चिड़ापन महसूस कर सकता है. भूख कम लगती है.
इसके अलावा हर वक्त पेट फूला फूला रहता है. सिर दर्द और ना जाने यह कब्ज अपने साथ कितनी समस्या लेकर आता है. अब ऐसा कहा जा रहा है कि सर्दियों के मौसम में कॉन्स्टिपेशन की समस्या बढ़ जाती है, तो अब सवाल है कि क्या सर्दी और मेटाबॉलिज्म के बीच कोई गहरा ताल्लुक है. आइए जानते हैं एक्सपर्ट का इस बारे में क्या कहना है.
इस बारे में बात करते हुए डॉक्टर गोपाल ने बताया कि कब्ज पेट की एक आम समस्या है जो आमतौर पर अनहेल्दी और बेवक्त खाना खाने की वजह से पाचन तंत्र में मल की गति को धीमा कर देती है, और पानी के अतिरिक्त अवशोषण की मांग करती है, जब ऐसा नहीं होता है तो फिर स्टूल हार्ड और डिहाइड्रेटेड होने लगता है. यह कब्ज का रूप ले लेती है. यह बहुत ही कठिन परिस्थिति है, इसमें स्टूल पास होना मुश्किल होने लगता है.
कॉन्स्टिपेशन के लिए मुख्य कौन जिम्मेदार?
डॉक्टर ने आगे बताया कि सर्दियों में कॉन्स्टिपेशन के लिए मुख्य रूप से डिहाइड्रेशन और कॉफी चाय अल्कोहल का अत्यधिक सेवन जिम्मेदार है. क्योंकि सर्दियों में भूख भी ज्यादा लगती है तो लोग तली हुई चीजें और जंक फूड खाने की आदत लगा लेते हैं. इस कारण कॉन्स्टिपेशन की समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाती है. इसके अलावा सर्दी में तापमान नीचे आने से मेटाबॉलिक प्रक्रिया धीमी हो जाती है,
जिसके कारण आंत का मूवमेंट भी स्लो हो जाता है. दूसरी ओर टॉयलेट सीट काफी ठंडी रहती है जिसका भी असर होता है.वहीं दूसरे एक्सपर्ट के मुताबिक सर्दियों में प्यास कम लगती है इस कारण लोग कम पानी पीते हैं. कॉन्स्टिपेशन की एक वजह यह भी हो सकती है.
सर्दियों में ज्यादा फैट वाली चीजें लोग खाना पसंद करते हैं, जिसके कारण इसे पचने में टाइम लगता है. यह फूड आंत के संतुलन को बिगाड़ देती है. कॉन्स्टिपेशन के अलग-अलग लक्षण होते हैं कुछ लोगों को मुहासे हो सकते हैं. तो कुछ का वजन बढ़ सकता है, तो कुछ को तेज सिरदर्द हो सकता है. हमेशा पेट भरा भरा महसूस हो सकता है. इसके अलावा कॉन्स्टिपेशन में मन बहुत चिड़चिड़ा रहता है.
कॉन्सिटपेशन से बचने के लिए क्या खाएं
सर्दियों में कम से कम 3 लीटर पानी रोजाना पीना चाहिए. खासकर गर्म पानी पिएं, ताकि पेट का मूवमेंट सही हो सके.
ताजा फल जैसे कि अंगूर अमरूद संतरे पपीता केला तरबूज का सेवन करें.
खाना खाते समय भोजन को अच्छी तरह से चबाएं, इससे खाना पचने में दिक्कत नहीं होगी.
जीरा अजवाइन काली मिर्च जैसे मसालों का प्रयोग करें.