शनि देव न्यायकर्ता हैं. शनि देव की पूजा के नियमों का खास ध्यान रखना पड़ता है खासकर महिलाओं को नहीं तो जीवन में कई तरह के संकट आ सकते हैं. जानते हैं स्त्रियों के लिए शनि देव की पूजा के नियम
महिलाओं को शनि देव की मूर्ति को न ही स्पर्श करना चाहिए न ही तेल अर्पित करना चाहिए. शास्त्रों में स्त्रियों का ऐसा करना अशुभ माना गया है. इससे शनि देव के दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं.
स्त्रियों को शनि मंदिर में शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए. ये शनि देव की उपासना के लिए सरल उपाय है. सच्च मन से शनि का स्मरण करने पर हर सकंट दूर होता है.
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं शनिवार को सरसों का तेल, काला तिल, काली उड़द, लोहा भी दान कर सकते हैं. इससे साढ़े साती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव कम होते हैं.
स्त्रियों की कुंडली में शनि की महादशा चल रही हो तो उन्हें शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक लगाना चाहिए. इससे शनि दोष शांत होता है.
शनि देव के अशुभता दूर करने के लिए महिलाएं काले कुत्ते को सरसों के तेल में लगी रोटी खिलाएं. मान्यता है ऐसा करने से साधक पर शनि की महादशा प्रभाव नहीं पड़ता.
किसी असहाय व्यक्ति की मदद करने से शनि देव जल्द प्रसन्न होते हैं. स्त्रियां ये उपाय करें तो आर्थिक और शारीरिक परेशानियों से मुक्ति मिलेगी.
पूजा में करते वक्त महिलाएं शनि देव से सीधे नजरें न मिलाएं. आंखे नीचे करते हुए आराधना करें. शनि की दृष्टि को अशुभ माना है. ऐसा करने पर बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.