रायपुर । छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित पांचवां रायपुर अंतराष्ट्रीय फिल्म समारोह के दूसरे दिन का आगाज शार्ट फिल्मों के प्रदर्शन और हिमानी शिवपुरी के संवाद के साथ हुआ… छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसाइटी रायपुर की ओर से आयोजित फिल्म समारोह 28 से 30 अप्रैल तक चलेगा ……जिसके प्राओजेक छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड है। इस अवसर पर फिल्म समारोह के डारेक्टर अजित राय, छत्तीसगढ़ फिल्म एंड विजुअल आर्ट सोसाइटी रायपुर के अध्यक्ष सुभाष मिश्रा, फिल्म समारोह के असिस्टेंट डायरेक्टर रेखा चौधरी और संजय पूरण सिंह चौहान की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म बहत्तर हूरें के निर्देशक और प्रोड्यूसर कैप्टन गुलाब सिंह मौजूद रहे…
‘सिनेमा में स्त्री और स्त्री का सिनेमा’ विषय पर केन्द्रित फिल्म महोत्सव के दूसरे दिन संजय पूरण सिंह के फिल्म ‘ लाहौर’, ‘बहत्तर हूरें’ और कई युवा फिल्ममेकर के शार्ट को प्रदर्शित किया गया… सिनेमा के मशहूर अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी लोगों से रूबरू हुए…वहीं युवा फिल्मकार ओटीटी को कैसे संपर्क करे इस विषय पर मास्टर क्लास का आयोजन किया गया..
हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी पांचवे रायपुर अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में शामिल हुई…दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, कुछ कुछ होता है, हम आपके हैं कौन, हम साथ साथ हैं, हां मेने भी प्यार किया है, चोरी चोरी चुपके चुपके, जैसे कई हिट फिल्मों में अपना अभिनय का लोहा मनवाया… इस अवसर पर उन्होंने सलमान खान, शारुख खान, गोविंदा और आमिर के साथ काम करने का एक्सपीरियंस शेयर की। उन्होंने बताया की सलमान और शाहरुख के साथ काम करने का एकपेरियंस बहुत अच्छा रहा.. ये सब काफी कोऑपरेटिव रहे हैं उन्होंने कहा सलमान खान कभी भी सेट पर रिहर्सल नहीं करते हैं वे आते हैं अपना सीन करके चले जाते हैं उन्होंने आगे अपनी जर्नी शेयर करते हुए कहा कि मेरे पिता जी एक स्वावलंबी शिक्षक थे जिन्हे कला से बहुत प्यार था… उन्होंने पढ़ाई करने के लिए कोलकाता भाग गए…उन्होंने बताया कि बचपन से ही मैं नटखट थी। साथ ही स्कूल के बाद मैं डांस और कई एक्टिविटीज में ज्यादातर अपना समय व्यतीत करती थी…उन्होंने बताया की स्कूल के दौरान ही मैंने नाटक करना शुरू कर दी थी इसके बाद उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई कंप्लीट… और थिएटर में भी काम करना शुरू किया…
0हिमानी शिवपुरी की शार्ट फिल्म ‘ ब्लॉसम इन लव’ और ‘ कृपामंच’ का प्रदर्शन हुआ…
हिमानी शिवपुरी ने बताया कि जो हमने बहुत सारी फिल्मों में काम की लेकिन जब फिल्म फेस्टिवल के डायरेक्टर अजित राय ने कहा कि आपकी ऐसी कोई फिल्म जिसको किसी ने देखा न हो…. ये मेरे लिए चैलेंजिंग था लेकिन काफी सर्च करने के बाद शॉर्ट फिल्म ब्लासम इन लव और कृपामंच मिली जो आपके सामने प्रदर्शित हुई। इसके बारे में उन्होंने बताया की यह फिल्म एक औरत पर आधारित है जिसमे एक महिला की कहानी को बताया…
0पढ़ाई के साथ दो घंटे करती थी नाटक की रिहर्सल
हिमानी ने बताया की पढ़ाई के साथ साथ मैं दिन भर में कम से कम 2 घंटा नाटक के लिए निकालते थे और नाटक करते रहते थे और यह सिलसिला आगे भी जारी रहा, इसी के बदौलत टीवी और फिल्मों में मुझे काम मिला।
0 एनएसडी के लिए ठुकरा दी अमेरिका का फेलोशिप
हिमानी शिवपुरी ने बताया कि पहली बार जब एनएसडी बारे में पता चला तो उसी समय तय कर लिया मुझे एनएसडी ही जाना है…इस बीच मुझे अमेरिका जाने का अवसर मिला था वहा फेलोशिप के लिए चयन हुआ था..लेकिन मैंने उसे ठुकराकर एनएसडी ज्वाइन किया। हालाकि ऐसा करने से सभी लोग मुझे समझाने लगे लेकिन पिता जी ने इस बात को समझा और मुझे एनएसडी ज्वाइन करने के लिए राजी हो गए…
0सीरियल करने के लिए बेच दिया घर की वस्तुएं
उन्होंने बताया की थियेटर करते हुए ऐसा संयोग बना कि सीरियल में आया उन्होंने बताया की पहली बार जब टीवी में हमे काम करने का मौका मिला तो मैं और मेरे पति ने एक साथ काम करने के लिए दिल्ली के घर की वस्तुएं बेचकर मुंबई शिफ्ट हो गई।
0देवकी भोजाई किरदार से मिली प्रसिद्धि
उन्होंने बताया कि पहले किसी से मिलते थे तो लोग मुझे पूछते थे क्या करते हो। तो मैं बताती कि नाटक करती हूं तो उनका प्रतिक्रिया रहता था इसके अलावा क्या करते हैं क्योंकि नाटक करने वालों को एक प्रोफेशन नहीं माना जाता था लेकिन जब मैंने सीरियल में देव की भौजाई की रोल किया तो इससे मुझे प्रसिद्धि मिली उसके बाद किसी ने यह नहीं पूछा कि आप क्या करते हो। इसी पात्र से हमें प्रसिद्धि मिली इसके बाद फिल्मों में काम मिला…
0आदित्य चोपड़ा खुद कहानी सुनने आए मेरे घर
उन्होंने बताया की आदित्य चोपड़ा की फिल्म दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे के बारे में बताया. उन्होंने बताया की आदित्य चोपड़ा ने इसकी कहानी सुनाने मेरे पास आए इससे मैं स्तब्ध थी…क्योंकि वो ऐसा नहीं करते थे
0सलमान खान ने बज मुझे गोदी में उठा लिया
हिमानी ने अपनी जर्नी बताने हुए कहा कि दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे की शूटिंग चल रही थी और अचानक सलमान खान चाची जान करके दौड़ते हुए आए और मुझे गोदी में उठा लिया इसे देख सभी स्तब्ध रह गए क्योंकि यह स्क्रिप्ट में नहीं था लेकिन सलमान आए और मुझे गोदी में उठा लिया…
सिनेमा के साथ साथ टेलीविजन और थिरेटर का भी सफर रखी जारी
हिंदी सिनेमा में कई हिट फिल्में जैसे कुछ कुछ होता है, हम आपके हैं कौन, हम साथ साथ हैं, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, हां मेने भी प्यार किया है, जैसी फिल्म देने वाली हिमानी ने बताया कि टीवी में काम करने के बाद हमें एक से बढ़कर एक हिट फिल्में मिलते रहे लेकिन हमने टेलीविजन के लिए काम करना कभी नहीं छोड़ा उन्होंने बताया कि जिस प्रकार मुझे टेलीविजन से फिल्म एंट्री मिली तो मैं इसे कैसे भूल जाती, मैं सिनेमा टेलीविजन और थिएटर को एक साथ लेकर चल रही हूं और आगे भी चलती रहूंगी
0 मां हॉस्पिटल में थी फिर भी की शो
हिमानी शिवपुरी ने बताया कि बनारस में मेरा एक सौ था उसी दिन अचानक तेरी मां की तबीयत बिगड़ जाती हैं और उसी शाम को मेरा शो था और सुबह मां की तबीयत बिगड़ गई। मैं मां को लेकर हॉस्पिटल का चक्कर लगाया साथ ही शाम को अपना शो भी किया। जिसके बाद सभी ने स्टैंडिंग ओवेशन मिले.. उस समय मेरे लिए बहुत चैलेंजिंग था… लेकिन मैने अपना काम किया….
0दूसरे दिन इन शार्ट फिल्मों का हुआ प्रदर्शन
फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन कई शार्ट फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। इसमें रामचंद्र द्वारा निर्देश शार्ट फिल्म ‘द कोरोना फाइटर्स’, शकील साजिद, धर्मेंद्र ओझा और रेखा चौधरी की ‘जूरी मेंबर्स’, मनीष कुमार तिवारी की ब्रॉड माइंड, शशांक सुधाकर राव की ‘ निकाश ‘ सादान की ‘ मेला ‘ आदि फिल्मों का प्रदर्शन हुआ….वहीं हिमानी शिवपुरी की शार्ट फिल्म ‘ ब्लॉसम इन लव’ और ‘ कृपामंच’ का प्रदर्शन हुआ…
‘द कोरोना फाइटर्स’, शार्ट फिल्म का प्रर्दशन
एक वक्त था कि हमारा देश कोरोना महामारी से दहल गया था इस महामारी से निपटने के लिए सरकार आम आदमी और डॉक्टर्स हर मुमकिन प्रयास कर रहे थे फिर भी लोगों की जाने जा रही थी.. ऐसे में डॉक्टर का भूमिका अहम था ‘द कोरोना फाइटर्स’ ऐसे ही डॉक्टर्स की कहानी है देश भर के न जाने कितने डॉक्टर्स अपनी जिमेदारी निभाते हुए अपनी जान दे दी…. इस शॉर्ट फिल्म में दिखाया गया की कोरोना फाइटर्स किस तरह से अपनी पेशेंट के के प्रति जिम्मेदारी का नित्य
0नैशनल अवॉर्ड मिलने पर खुद पर हुआ भरोसा
रायपुर। नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित संजय पूरन सिंह चौहान की फिल्म लाहौर का प्रदर्शन इस फिल्म समारोह में किया गया इस अवसर पर संजय पूरन सिंह ने अपनी अनुभव साझा करते हुए बताया कि लाहौर फिल्म में लाहौर के ज्यादातर सीन वास्तविक में लाहौर के ही हैं हालांकि वहां फिल्म शूट करने के लिए बहुत पापड़ बेलना पड़ा। इसके लिए तीन चार साल केवल परमिशन मिलने में लग गए। लेकिन मैने निश्चर कर लिया था कि फिल्म तो अपने अनुसार ही बनाएंगे…और वैसा ही बनाया जो बाद में नेशनल अवॉर्ड जीता।
0फिल्म का क्लाइमेक्स पहले लिखा गया था
संजय पूरन ने बताया कि इस फिल्म के क्लाइमेक्स पहले लिखा था उसके बाद इसकी कहानी लिखी गई थी। इस फिल्म के लिए कई बड़े अभिनेता को मैंने अप्रोच किया था लेकिन उन्होंने यह कहकर मना कर दिया की इस फिल्म में क्लाइमेक्स ही नहीं है लेकिन बाद में उन्होंने इस बात को महशुस किया कि इस फिल्म में क्लाइमेक्स ही सबकुछ है।
0 कैसे पहुंचे अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह तक
मास्टर क्लास में अजित राय ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह तक कैसे पहुंचे इस विषय पर विस्तार से बताया। उन्होंने बताया की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिल्म को पहुंचाने के लिए बहुत सारे प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। उसके बाद ही फिल्म फेस्टिवल में पहुंचता है। उन्होंने बताया कि दुनिया भर के फिल्म फेस्टिवल में जाने के लिए दो प्रोसेस है इसमें फेस्टिवल आयोजित करने वाले संस्थान के लोग दुनिया भर में घूम घूम कर फिल्म सिलेक्ट करती है दूसरा यह है कि ऑनलाइन एप्लीकेशन के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में भेजने के लिए कई माप दंड है इसके टेक्निकल पक्ष भी देखा जाता है…अगर टेक्निकल पक्ष कमजोर है तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है।
अजीत राय ने बताया कि बहुत कम ही भारतीय युवा फिल्म मेकर हैं। इसके साथ ही भारतीय फिल्म मेकर को भारत सरकार या बोर्ड द्वारा बहुत कम ही सपोर्ट मिलता है वहीं विदेशों में युवाओं को भूत स्पोर्ट मिलता है इसलिए वहां के युवा ज्यादा फ्री माइंड से फिल्म बनाते हैं। उन्होंने यह भी बताया की भारत सरकार फिल्म फेस्टिवल के नाम पर केवल पैसा बहाती है इससे किसी को फायदा नहीं होता। केवल सरकार वाहवाही बटोरती है
0आज शामिल होंगे मशहूर अभिनेता यशपाल शर्मा
0राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘ भूलन, द मेज ‘ का होगा प्रदर्शन
रविवार, 30 अप्रैल 2023.
10.00-12.10 मनोज वर्मा की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘ भूलन, द मेज ‘ का प्रदर्शन ।
12.10 से 12.20 टी ब्रेक
12.25 1.30 संवाद छत्तीसगढ़ का सिनेमा – चुनौतियां और संभावनाएं।
पैनल – मनोज वर्मा, योगेश अग्रवाल, गंगा सागर पंडा, अनुराधा दूबे।
1.30 2.00मास्टर क्लास 5
नरेंद्र राठौड़ (कैनन कंपनी)
विषय- कैमरा और नई तकनीक ।
2 से 2.30 भोजन अवकाश
2.30-3.30 मास्टर क्लास 6.
कार्लिटा मौहिनी
विषय -सिनेमा, टेलीविजन और मनोरंजन उद्योग में कापीराइट का सवाल।
3.30-4.00 चाय।
4.00-5.00 प्रतिभा शर्मा की फिल्म ‘ आमो अक्खा एक से ‘( हम सब एक हैं)
5.00-5.30 निर्देशक से संवाद
5.30-6.00 समापन समारोह।
6.00-9.00 यशपाल शर्मा की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘ दादा लखमी’ का प्रदर्शन और निर्देशक से संवाद।