रायपुर। भारतीय जनता पार्टी घोषणा पत्र समिति के सहसंयोजक द्वय अमर अग्रवाल व शिवरतन शर्मा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा चुनाव घोषणा पत्र समिति की घोषणा करने पर कहा है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस पर केंद्रीय नेतृत्व को भरोसा नहीं है इसलिए दिल्ली से घोषणा पत्र समिति की घोषणा करने विवश होना पड़ा। फिर पिछले चुनाव में सफल जन घोषणा पत्र देने वाले टीएस सिंहदेव इस बार घोषणा पत्र समिति से बाहर हैं क्योंकि उन्होंने जो वादे कांग्रेस की ओर से किये थे, उन को भूपेश बघेल ने कचरे की टोकरी में डाल दिया।
टीएस सिंहदेव ने किया स्वीकार –
वे जनता का सामना करने लायक नहीं रहे तो कांग्रेस इस बार मोहम्मद अकबर को सामने ले आई। सिंहदेव गधे के सिर से सींग की तरह गायब क्यों हो गए? अब इन पर जनता कैसे भरोसा कर सकती है। टीएस सिंहदेव खुद स्वीकार कर चुके हैं कि 36 में से 24 वादे पूरे नहीं हुए। 12 वादों को तो छुआ तक नहीं गया। वे कबूल कर रहे हैं कि जन घोषणा पत्र पर अमल नहीं हुआ। इससे आगामी चुनाव के लिए कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति के औचित्य का कोई सवाल नहीं रह गया। पहले पिछली घोषणाओं पर कांग्रेस छत्तीसगढ़ की जनता को हिसाब दे।
भाजपा घोषणा पत्र समिति के सहसंयोजक द्वय अमर अग्रवाल व शिवरतन शर्मा ने कहा कि काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती। एक बार चढ़ गई और भूपेश बघेल की सरकार उसे जला चुकी है। इसके साथ ही जनता को दिखाए गए सारे सब्जबाग भी जल चुके हैं। कांग्रेस और भूपेश बघेल की धोखेबाजी जनता के सामने खुलकर आ चुकी है। सिंहदेव इस उम्मीद में पांच साल चुप रहे कि कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री बना देगी, लेकिन जब अंत समय में उप मुख्यमंत्री का झुनझुना पकड़ा दिया गया तो भागते भूत की लंगोटी ही सही वाले अंदाज में यह भूल गए कि जनता से क्या वादे किए थे। जनता के साथ धोखेबाजी में वे भी शामिल हैं। उन्हें घोषणाएं पूरी कराना चाहिए थीं। अब जनता को मुंह दिखाने लायक नहीं हैं तो हाथ जोड़ लिए।
भाजपा घोषणा पत्र समिति के सहसंयोजक द्वय अमर अग्रवाल व शिवरतन शर्मा ने सवाल किया है कि क्या वजह है कि कांग्रेस को सत्ता में लाने वाला जन घोषणा पत्र देने वाले सिंहदेव अब इससे दूर हैं। कारण स्पष्ट है कि कांग्रेस का पिछला जन घोषणा पत्र घोटाला पत्र साबित हुआ है। इस बार कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति में घोटालेबाजों की भरमार है, यह भी साफ देखा जा सकता है।