रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा है कि आज ऊहापोह और आपसी विश्वास के संकट से उपजी गुटबाजी के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। भाजपा की टिकट घोषित होने के बाद कांग्रेस में इसीलिए घबराहट फैल गई है। इस गुटबाजी और आपसी खींचतान के दबाव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी आखिरकार यह स्वीकार कर लिया है कि कांग्रेस में अंतर्कलह बहुत ज्यादा बढ़ गई है और इसीलिए उन्होंने जगदलपुर के संकल्प शिविर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया कि हमें आपसी लड़ाई छोड़कर भाजपा से लड़ना चाहिए।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री चौधरी ने सवाल किया कि कांग्रेस के लोगों को आपसी लड़ाई छोड़ने की नसीहत देते समय मुख्यमंत्री बघेल इस बात को स्वीकार क्यों नहीं कर रहे हैं कि कांग्रेस के अंतर्कलह की मुख्य वजह तो वह स्वयं हैं। कांग्रेस के पूरे शासनकाल को सत्ता और संगठन में मचे घमासान के लिए ही जाना जाएगा। कांग्रेस के अंदर जो गुटबाजी और अंतर्कलह का घमासान मचा हुआ है, एक-दूसरे की जो टांग खिंचाई चल रही है, उसके असली सूत्रधार तो स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं। इस सच्चाई को मुख्यमंत्री बघेल आखिर कब स्वीकार करेंगे?
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने पहले ढाई-ढाई साल के मुद्दे पर टी.एस. सिंहदेव को धोखा दिया, फिर कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को गुटबाजी के चलते अपने अहम के कारण पद से हटवाया। अपने ही मंत्री रुद्र ग्रुरु द्वारा जारी जल जीवन मिशन का टेंडर कमीशन के झगड़े के कारण मुख्यमंत्री बघेल ने ही रद्द किया। श्री चौधरी ने कहा कि पार्टी के अंदर गुटीय द्वन्द्व, खींच-तान के चलते कांग्रेस पूरे देश में सिमटकर रह गई है और अब छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की यही दुर्गति होनी है। मुख्यमंत्री बघेल को अपनी कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।