डी. डी. यू नगर रायपुर में एक अनोखा और अलौकिक शिवलिंग की स्थापना होने जा रहा है। शिवलिंग का नाम नर्मदेश्वर पशुपतिनाथ बताया जा रहा है। इसमें अनोखी बात यह है। कि शिवलिंग के चार मुख्य है। जिसमें भगवान हंसते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस शिवलिंग का निर्माण नर्मदा के पत्थर से किया गया है। जो की ओंकारेश्वर से लाया गया था। शिवलिंग में जो चार मुख बनाए गए हैं। यह जयपुर के कारीगरों द्वारा बनवाया गया है। इसके चार मुख के अलग-अलग नाम हैं । ऊर्ध्व- मुख, ईशान-पूर्व मुख, तत्पुरुष- दक्षिण मुख, अघोर- पश्चिम मुख, सद्योजात एक आखरी मुख जिसका अनंत ना होने के कारण सदाशिव कहां जाता है ।वह ऊपर में स्थित होता है आदि और अनंत न होने के कारण उसे उकेरा नहीं जाता। इसलिए नर्मदेश्वर पशुपतिनाथ पंचमुखी शिवलिंग कहा जाता है।
प्रसिद्ध शिव महापुराण वाचक श्री प्रदीप मिश्रा गुरुदेव कहते हैं-
नर्मदेश्वर शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हजारों अभिषेक जितना पुण्य अर्जित होता है ।और यह शिवलिंग नर्मदा का पत्थर होने के साथ-साथ पंचमुखी पशुपति रूप में है। इसीलिए यह एक अनूठा और अलौकिक और अद्भुत शिवलिंग है ।
पंचमुखी पशुपतिनाथ शिवलिंग का निर्माण शिव महापुराण (पुराने राजाओं) द्वारा स्थापित मुख् शिवलिंग से प्रेरित होकर इसका निर्माण कराया गया है। जिसमें भगवान का मुख साकार रूप में शिवलिंग पर प्रकट रहता है। जैसा कि रायपुर का सरोना मंदिर का शिवलिंग एक उदाहरण है। शिवलिंग पर मुख् बनाने का एक कारण यह है। की भक्तों की श्रद्धा और आस्था भगवान श्री केदारनाथ शिव शंभू के श्री चरणों में समर्पित रहे।
इसका नर्मदेश्वर पशुपतिनाथ पंचमुखी शिवालय के स्थापना आज 21 अगस्त सोमवार (नाग पंचमी ) अधिक मास सावन शुक्ला 5 तिथि के किया जा रहा है। और सुबह 8:00 बजे धूमधाम से कलश शोभायात्रा निकाली जाएगी। और दोपहर 3:00 बजे शिवलिंग का स्थापना और महा अभिषेक किया जाएगा और शाम को 6:00 बजे माहा पूजा, महाआरती किया जाएगा।
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