भारत के मून मिशन यानी चंद्रयान 3 के चर्चे पाकिस्तान में भी हो रहे हैं. वहां की आवाम चंद्रयान 3 जिंदाबाद के नारे लगा रही है और चंद्रयान 3 के सफल होने की दुआ कर रही है. साथ ही पाकिस्तानी जनता अपनी सरकारों को भी कोस रही है |
इसरो के आगे पाकिस्तान की एजेंसी SUPARCO फिसड्डी साबिभारत का मून मिशन अपने आखिरी पड़ाव पर है. 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे लैंडर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. यानी मून मिशन की सफलता का काउंटडाउन हो चुका है. पूरी दुनिया की नजर चंद्रयान-3 पर टिकी हैं, क्योंकि रूस का लूना चांद की सतह पर पहुंचने से पहले ही क्रैश हो गया. ऐसे में हर कोई ये जानने की कोशिश कर रहा है कि क्या भारत का चंद्रयान-3 स्पेस की रेस जीतेगा. जिन्नालैंड यानी पाकिस्तान की नजर भी चंद्रयान पर है. पड़ोसी मुल्क में खलबली मची है. यहां की आवाम अपने मुल्क की सरकार और सिस्टम को कोस रही है. जानिए आखिर पाकिस्तान में चंद्रयान-3 को लेकर गदर क्यों है |
चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगा रहा है. चंद्रयान-3 का दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग मनूवर भी सफल हो चुका है. ऐसे में इंतजार 23 अगस्त का है, जब चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही भारत इतिहास रच देगा. अगर लैंडर की तय वक्त पर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग होती है तो भारत के लिए ये ऐतिहासिक कदम होगा, क्योंकि हिंदुस्तान चंद्रयान-3 मिशन पूरा होने के साथ ही अमेरिका-रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन जाएगा, जिसने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता हासिल की हो |
पाकिस्तान आज भी वही लाचार-गरीब और बेसहारा मुल्क है, जिसका भविष्य पूरी तरह से अंधकार में है. शायद यहीं वजह है कि जहां एक तरफ भारत के चंद्रयान-3 मिशन की पाकिस्तान में जमकर तारीफ हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के लोग अपनी ही सरकार अपने ही सिस्टम और अपने ही नुमाइंदों को कोस रहे हैं और लानत भेज रहे हैं|
पाकिस्तानी नागरिक अली का कहना है कि भारत की टेक्नोलॉजी पाकिस्तान से बहुत आगे है और शार्प है. यहां हमें 25-25 साल पुरानी किताबें पढ़ाई जाती हैं, जबकि टेक्नोलॉजी हर हफ्ते बदल रही है. हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि भारत का चंद्रयान मिशन फेल हो जाए. बल्कि हमें उसके लिए दुआ करनी चाहिए. हमें भारत को अपने बलबूते हराना चाहिए, ना कि यह सोचकर की भारत फिर फेल हो जाए |
पड़ोसी मुल्क में किसी की भी सरकार रही, उन्होंने सिर्फ और सिर्फ अपनी अवाम को धोखा दिया है. उन्हें ठगा है. पाकिस्तान के मौजूदा हालात ये है कि आज पाकिस्तान का हर बाशिंदा पाई-पाई के लिए मोहताज है. खाने को लाले पड़े हैं. लिहाजा पाकिस्तान की आवाम गुस्से में है|
यहीं से दिख जाता है चांद, वहां क्यों जाना- फवाद चौधरी
पाकिस्तानी अवाम चंद्रयान-3 मिशन को लेकर क्यों अपने सियासतदानों पर भड़की हुई है, क्यों पाकिस्तान की सरकार और सिस्टम को मुल्क की नाकामी का जिम्मेदार ठहरा रही है तो इसकी वजह है पाकिस्तान पर राज करने वाली नक्कारों की फौज. कुछ महीने पहले पूर्व साइंस और टेक्नोलिजी मिनिस्टर फवाद चौधरी ने कहा था कि चांद पर जाने की मशक्त क्यों करना, जब वो यहीं से बैठकर दिखता हो. अब सोचिए जिस मुल्क का साइंस और टेक्नोलिजी मिनिस्टर ऐसा हो वो मुल्क क्या खाक चांद पर जाने की हिमाकत करेगा |
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