रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से स्पष्ट करने का आग्रह किया है कि वे पाटन से ही चुनाव लड़ेंगे या जगदलपुर जा रहे हैं अथवा अपने लिए कोई और ऐसा ठिकाना खोज रहे हैं, जहां से विधानसभा पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल को पाटन से चुनाव हारने का आत्मबोध हो गया है इसलिए पहले उनके लिए सुरक्षित सीट की पतासाजी की जा रही है।
इस चक्कर में कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची अधर में अटकी हुई है। भूपेश बघेल के कारण कांग्रेस अन्य सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं कर पा रही है। भाजपा के उम्मीदवार इंतजार कर रहे हैं कि मुकाबले में कांग्रेस उतरे लेकिन कांग्रेस में तो उम्मीदवार चयन की बैठक में ही कांग्रेस सरकार के हुनरमंद खिलाड़ी बच्चों के खेल खेल रहे हैं। हमारी शुभकामनाएं हैं कि वे इस खेल में ठीकठाक लेबल नहीं, बल्कि वर्ल्ड चैंपियन बन जाएं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साव ने कहा कि कांग्रेस 5 साल राज करने के बाद इतनी दयनीय स्थिति में पहुंच गई कि बैठकों पर बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री तक की टिकट घोषित नहीं कर पा रही है। इससे जाहिर है कि कांग्रेस अब न तो जनता का सामना करने की स्थिति में है और न ही भाजपा का मुकाबला करने की हैसियत में है। उन्होंने कहा कि चुनावी रणभूमि में भाजपा के योद्धा प्रतीक्षा कर रहे हैं कि कांग्रेस के प्रत्याशी सामने आएं ताकि चुनाव का माहौल बने। यहां तो हालत यह है कि कांग्रेस का मनोबल पहली बार इतनी बुरी तरह गिरा हुआ है कि समझ में नहीं आ रहा कि कांग्रेस आखिर कब मैदान में उतरेगी |
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस में जितने बड़े नेता हैं, सब के सब उम्मीदवार सूची जारी होने को लेकर अलग अलग बयान दे रहे हैं। इनके प्रदेश अध्यक्ष तारीख पर तारीख बता रहे हैं तो इनकी प्रभारी और मुख्यमंत्री कुछ और फरमा रहे हैं। ये अपने प्रत्याशी तय नहीं कर पा रहे। कभी खबर मिलती है कि इतनी सीटों पर सिंगल नाम तय हो गए। दिल्ली रवानगी और वापसी हो रही है। फिर बैठक होने लगती है। कहा जाता है कि अब इस तारीख को इनके मंच का परदा उठ जाएगा। हमें लगता है कि कांग्रेस के नाटक का पर्दा उठने के पहले ही गिर गया है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साव ने कहा कि जब भी कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा होगी, उसके बाद कांग्रेस का वह गृह युद्ध जो अभी बंद कमरे में चल रहा है, वह पूरे छत्तीसगढ़ में सड़कों पर जरूर दिखेगा। कांग्रेस की महाभारत उसे ले डूबेगी। कांग्रेस के उम्मीदवार फाइनल होने में सबसे बड़ी बाधा यह भी है कि गुटीय संग्राम चल रहा है। सत्ता का सिरमौर बनने की लालसा में ये यह भूल रहे हैं कि इनका हवामहल ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर रहा है।