भारतीय रेलवे को अक्सर भारत की जीवन रेखा कहा जाता है। विश्व का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क, जो प्रति वर्ष आठ अरब से अधिक यात्रियों को लेकर सफर करता है, क्षमता में चीन के बाद दूसरा, दुर्भाग्य से आज खराब स्थिति में है। भारतीय रेलवे देश और प्रदेश की आम जनता को सहूलियत देने वाला सफर तय करवाता है लेकिन जब से भाजपा सरकार केंद्र में आईं है देश मे रेलवे को बदहाली की दिशा में धकेल दी है।
10 साल में रेलवे बदहाल हालात में पहुँच गया है। रेलवे में रिक्त हजारों पद की भर्ती बंद कर निजीकरण कर बेरोजगारों के साथ अन्याय कर रही है, स्लीपर क्लास में बोगी कम कर ए/सी क्लास बढ़ाया जा रहा है एवं लोगों से वसूली की जा रही है यहाँ तक कि होली, दीपावली, रक्षाबंधन, छठ समेत सभी त्यौहारों में भी रिजर्वेशन किये टिकट लोगों के कैंसल कर ट्रेन रद्द कर रही है, जिससे लोगों को परिवार सहित परेशानी झेलनी पड़ रही है और अडानी की कोयला से भरी मालगाड़ी को बिना रोके चलाया जाता है और यात्री गाड़ी को जगह-जगह रोक कर ट्रेनों को लेट किया जाता है। रेलवे स्टेशन एवं ट्रेनों को निजीकरण कर ट्रेन यात्रा महंगी की जा रही है। लोकल ट्रेनों को बंद कर दैनिक यात्रियों के लिए मुसीबत खड़ा किया जा रहा है। साथ ही भाजपा सिनियर सिटीजन एवं बच्चों के कंसेशन बंद कर 65,000 करोड़ की कमाई में लगी है, महंगाई के दौर में प्लेटफॉर्म टिकट से लेकर यात्री किराया में भारी वृद्धि कर आम जनता की कमर तोड़ रही है। रेलवे प्रशासन रायपुर रेलवे स्टेशन में स्टैण्ड एवं पार्किंग का ठेका अवैध रूप से देकर आम जनता के साथ दुर्व्यवहार कीया जा रहा है यहाँ तक कि कांग्रेस के शासनकाल में रेलवे परीक्षा के लिये जो बेरोजगारो से न्यूनतम फीस ली जाती थी भाजपा सरकार आने के बाद उसमें भी भारी बढ़ोतरी कर दी गई। भाजपा सरकार ने रेलवे की स्थिति को बदतर कर दिया जिसके फलस्वरूप आज देश प्रदेश की जनता बहुत ही परेशानी झेल रही है चाहे वह रेलवे का बढ़ा हुआ किराया हो या ट्रैन की लेट लतीफी।