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रायपुर / 4 जून, 2003 को छत्तीसगढ़ के पहले राजनीतिक जग्गी हत्याकांड का फैसला आया। इस मामले में 31 आरोपित बनाए गए थे, जिनमें से दो आरोपित सरकारी गवाह बन गए। 29 आरोपितों पर केस चला और मुख्य आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर शेष 28 आरोपितों को सजा हुई थी। इनमें तीन पुलिस अधिकारी भी शामिल थे।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सभी आरोपी कोर्ट में सरेंडर हुए थे। जिला न्यायलय में अवकाश के चलते आरोपियों का सरेंडर टल गया था। जिला मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को 15 अप्रैल की सुबह 11 बजे उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
जग्गी हत्याकांड में कोर्ट ने 27 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट ने जग्गी हत्याकांड के आरोपियों की अपील खारिज करते हुए 28 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद वर्मा डिवीजन बेंच ने आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है।