गर्मियों में सूर्य की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने से मोतियाबिंद और रेटिना क्षति का खतरा बढ़ सकता है
जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, हम अपने स्वास्थ्य, त्वचा और बालों की देखभाल करना सुनिश्चित करते हैं। हालाँकि, हम अक्सर गर्मियों की गर्मी से प्रभावित होने वाले शरीर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक – हमारी आँखों – पर ध्यान देना भूल जाते हैं। जैसे गर्मियों में हमारी त्वचा और स्वास्थ्य पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, वैसे ही हमारी आँखों पर भी।
छत्तीसगढ़ आई हॉस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अभिषेक मेहरा कहते हैं, “सूरज की चिलचिलाती गर्मी आँखों के लिए बेहद हानिकारक है। गर्मियों में सूर्य की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने से मोतियाबिंद और रेटिना क्षति का खतरा बढ़ सकता है।
इससे आंखों की एलर्जी भी हो सकती है, जो हल्की खुजली और लाली से लेकर गंभीर पानी आना और पलकों की सूजन, स्टाई और बैक्टीरियल और वायरल कंजंक्टिवाइटिस तक हो सकती है। अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने से आंखों में जलन, मोतियाबिंद, मैक्यूलर डिजनरेशन (अंधापन का एक प्रमुख कारण) और कैंसर हो सकता है।
आँखें शरीर का सबसे नाज़ुक अंग है। ऐसे ही कोई भी दवाई इसमें नहीं डाली जा सकती। दवा देने से पहले आँखों की प्रॉपर जांच ज़रूरी है। आपकी आँखें लाल हैं तो इसके कई कारण हो सकते हैं। अगर गूगल सर्च के आधार पर आप अगर किसी नतीजे पर पहुँचते हैं तो यह खतरनाक हो सकता है।”
बिना विशेषज्ञ की सलाह के इंटरनेट में देखकर आँखों में दवा डालने से उसका विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है। या किसी घरेलु या देसी उपचार के चक्कर में लेने के देने पड़ सकते हैं।