सामुहिक जिम्मेदारी से दूर होगी सिकल सेल एनीमिया की बीमारी।

रायपुर \  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश 2047 तक विकसित भारत का रूप ले लेगा और इसी दौरान भारत से सिकल सेल एनीमिया की बीमारी भी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज अटल बिहारी वाजपेयी आडिटोरियम, मेडिकल कालेज, रायपुर में विश्व सिकल सेल एनीमिया दिवस के अवसर पर अपना संबोधन दे रहे थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विश्व सिकल सेल दिवस पर सिकल सेल की स्क्रीनिंग और जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होकर सिकल सेल जागरूकता रथ को रवाना किया और सिकल सेल से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सिकल सेल पीड़ितों को जेनेटिक कार्ड का वितरण किया और बस्तर के दूरस्थ क्षेत्रों में भी जागरूकता फैलाने के लिए सिकल सेल की जानकारी देने वाली हल्बी और गोंडी भाषा की पुस्तिका का विमोचन किया।

इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, आदिम जाति कल्याण मंत्री राम विचार नेताम, शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, वन मंत्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सिकल सेल की जाँच और परीक्षण आवश्यक रूप से कराना चाहिए और इसकी रोकथाम के लिए सभी को जागरूक होना आवश्यक है। विवाह के पूर्व सभी महिला और पुरुष को सिकल सेल की जाँच करानी चाहिए और दोनों के पीड़ित होने पर शादी नहीं करनी चाहिए ताकि आनुवंशिक रूप से यह बीमारी अगली पीढ़ी में स्थानांतरित न होने पाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के आदिवासी समुदाय के लोग सिकल सेल एनीमिया से ज्यादातर पीड़ित हैं। इन पीड़ित मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग और आदिम जाति विकास विभाग के सहयोग से जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिकल सेल के लिए राष्ट्रीय स्तर का रिसर्च सेंटर प्रारंभ करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है ताकि प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया बीमारी से और बेहतर तरीके से बचाव किया जा सके।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य के 33 जिलों के लक्षित 1 करोड़ 77 लाख 69 हजार 535 सिकल सेल स्क्रीनिंग के विरुद्ध कुल 1 करोड़ 11 लाख 06 हजार 561 स्क्रीनिंग कर ली गई है। इस परीक्षण में 1 करोड़ 06 लाख 24 हजार 245 स्क्रीनिंग निगेटिव पाई गई हैं। स्क्रीनिंग में 2 लाख 90 हजार 663 वाहक पाए गए हैं तथा 22 हजार 672 को बीमारी प्राप्त हुई है।

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