दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ईडी के बाद अब सीबीआई का शिकंजा कसता जा रहा है। अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने अदालत की इजाजत के बाद गिरफ्तार कर लिया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को पूछताछ की इजाजत दे दी है।
कोर्ट की इजाजत के बाद सीबीआई ने पहले कोर्ट रूम में ही अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की, फिर औपचारिक तौर पर उन्हें गिरफ्तार किया।
- कोर्ट की मंजूरी के बाद: सीबीआई ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया।
- कोर्ट में पूछताछ: राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई को अदालत कक्ष में अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करने की अनुमति दी और उनसे उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके पास मौजूद सामग्री को रिकॉर्ड पर रखने को कहा।
- गिरफ्तारी प्रक्रिया: अरविंद केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने की प्रक्रिया कोर्ट में की जा रही है और थोड़ी देर में सीबीआई उन्हें गिरफ्तार कर लेगी।
- सीबीआई की दलील: सीबीआई को अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की इजाजत मिल गई है। सीबीआई ने अदालत से कहा कि हमें अरविंद केजरीवाल को हिरासत में ले जाकर पूछताछ करने की इजाजत दी जाए और गिरफ्तारी के आधार इसके बाद तैयार करेंगे।
- वकील का विरोध: अरविंद केजरीवाल के वकील ने सीबीआई हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि मांगे गए दस्तावेज एजेंसी उन्हें उपलब्ध करा दे और मामले की सुनवाई कल की जाए तो इसमें कोई आसमान नहीं गिर पड़ेगा।
- वकील की दलील: अरविंद केजरीवाल के वकील ने अदालत को कहा कि इस केस में कोई मेरिट नहीं है और अदालत को केजरीवाल की गिरफ्तारी की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
- सीबीआई की स्थिति: सीबीआई के वकील ने अदालत को स्पष्ट किया कि उन्होंने अभी तक अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार नहीं किया है। सीबीआई ने कहा कि अरविंद केजरीवाल न्यायिक हिरासत में थे, इसलिए हमने उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया था।
- राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी: अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया और सीबीआई ने रिमांड की मांग की। अब अदालत में सुनवाई शुरू हो चुकी है।
- वकील की मांग: अरविंद केजरीवाल की ओर से वकील ने अर्जी दायर कर मांग की कि सीबीआई की पूछताछ की मांग वाली अर्जी और इसको लेकर कोर्ट के आदेश की कॉपी उन्हें उपलब्ध कराई जाए। वकील विक्रम चौधरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए और बताया कि उन्हें मीडिया से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बारे में पता चला।
सीबीआई का कहना है कि अरविंद केजरीवाल के वकील के आरोप गलत हैं और उन्होंने कोर्ट से इसकी अनुमति ली थी। सीबीआई के अनुसार, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर बार जांच एजेंसी पर आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन वे इस परीक्षा को पार करते हैं।