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बारनवापारा अभ्यारण्य एवं सीमावर्ती वनक्षेत्र में बाघ की सुरक्षा और मॉनिटरिंग को लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) एवं वन्यप्राणी अभिरक्षक सुधीर कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक में 7 मार्च 2024 से 27 जून 2024 तक बाघ के संरक्षण और संवर्धन कार्यों की समीक्षा की गई। बाघ की सुरक्षा और मॉनिटरिंग के कार्यों का निरीक्षण किया गया और आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया गया।
सुधीर कुमार अग्रवाल के विशेष आग्रह पर आईएफएस (सेवानिवृत्त) आर. श्रीनिवास मूर्ति को बारनवापारा अभ्यारण्य आमंत्रित किया गया था। उन्होंने आमंत्रण स्वीकार करते हुए 26 और 27 जून 2024 को बारनवापारा अभ्यारण्य का दौरा किया। इस दौरान, उन्होंने बाघ की निगरानी और सुरक्षा हेतु अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक की और आवश्यक मार्गदर्शन दिया।
आर. श्रीनिवास मूर्ति ने बाघ विचरण क्षेत्र का सूक्ष्म भ्रमण किया और बाघ की मॉनिटरिंग के लिए रेडियो कॉलर लगाने का सुझाव दिया। वर्तमान में बारनवापारा अभ्यारण्य और आसपास के वनक्षेत्र बाघ के रहवास के लिए उपयुक्त हैं, जहां पर्याप्त मात्रा में शिकार और जल स्रोत उपलब्ध हैं।
बाघ की मॉनिटरिंग के लिए मूर्ति ने बारनवापारा अभ्यारण्य, बलौदाबाजार, देवपुर और बल्दाकछार के स्टाफ को महत्वपूर्ण प्रशिक्षण दिया। उन्होंने वनमंडल बलौदाबाजार के अंतर्गत बाघ की सुरक्षा के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की और जनमानस और बाघ की सुरक्षा हेतु 4 कुमकी हाथी लाने का सुझाव दिया।
आर. श्रीनिवास मूर्ति प्रसिद्ध बाघ संरक्षण विशेषज्ञ और पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर रहे हैं। उन्होंने 2009 से 2015 तक पन्ना टाइगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर के रूप में बाघ की संख्या 0 से 32 तक बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्तमान में पन्ना टाइगर रिजर्व में लगभग 90 बाघ हैं, जिसमें उनका महत्वपूर्ण योगदान है।