प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा किराज्य की बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था से प्रदेश का हर नागरिक परेशान है। महिलायें, व्यापारी, आम आदमी सभी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे है। स्थितियां इतनी भयावह हो चुकी है कि कलेक्टर, एसपी कार्यालय जलाये जा रहे है। सरेआम लोगों की हत्यायें हो रही राज्य के हालात असहनीय हो चुके है।
जबसे राज्य में भाजपा की सरकार बनी है। नागरिको को भय के माहौल जीवन जीना पड़ रहा है। अपराधी बेलगाम हो गये है। साय सरकार के राज में महिलाओं के प्रति अपराधों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गयी है।
6 माह में राज्य में 300 से अधिक बलात्कार, 80 सामूहिक बलात्कार, 200 से अधिक हत्यायें। चाकूबाजी, लूट, डकैती, चेन स्नेचिंग की अनगिनत घटनायें हो चुकी है। राजधानी में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके है कि अपराधी बिना किसी वाहन के पैदल चल कर चैन खींच कर भाग जाते है। राजधानी में थाने में चाकू मार दिया जाता है पुलिस असहाय हो गयी है। नक्सलवादी घटनायें 6 माह में बढ़ गयी।
राज्य में रोज 3 बलात्कार की घटना हो रही, हर दो दिन में एक सामूहिक दुराचार की घटना हो रही है।
रोज समाचारों में प्रदेश भर में तीन से चार मासूम अबोध बच्चियों के साथ तथा सामूहिक दुराचार की घटनाओं की खबरे सामने आ रही।
राजधानी से लगे आरंग में मॉब लीचिंग में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है। सरकार अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही करने के बजाये उनको संरक्षण देने में लगी है। हत्यारों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बजाय सरकार सदोष मानव वध का मुकदमा दर्ज करवाया है ताकि अपराधियों को बचाया जा सके।
बैगा जनजाति के पूरे परिवार को जला कर मार डाला गया।
महिलाओं बच्चियों को बहला फुसला कर प्रदेश के बाहर ले जाया जाता है राजनांदगांव के स्टेशन में 21 महिलाओं बच्चियों को तस्कर ले जा रहे थे जिन्हें रोका गया लेकिन अपराधियों के सत्तारूढ़ दल के लोगों से संबंध थे, वे थाने से छोड़ दिये गये।
जगदलपुर में तीन दिन में चार हत्यायें हो गयी। मां, बेटे को एक साथ मार डाला गया।
गृहमंत्री का गृह जिला तो हत्या, लूट, मानव तस्करी का केन्द्र बन गया है। 6 माह में एक दर्जन से अधिक दुर्दांत हत्या में कवर्धा में हुई है। हर दिन बलात्कार की घटनाये हो रही है। गृहमंत्री अपना गृह जिला नहीं संभाल पा रहे है।
मा. हाई कोर्ट ने भी राज्य की कानून व्यवस्था पर दो बार सवाल खड़ा किया है।
ऑन लाईन सट्टा महादेव एप डबल इंजन की सरकार में फल-फूल रहा है। सत्तारूढ़ दल के लोग इसके संरक्षक बन गये इसीलिये इसको बंद करने कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो रही है।
6 माह में राज्य में अवैध शराब, सूखा नशा, गांजा तस्करी सरेआम हो रही है। इसको रोकने की दिशा में सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
सत्तारूढ़ दल के लोग अपराधियों के पैरोकार बन गये है। पुलिस की पीसीआर वैन तो वसूली वैन बन चुकी है जो नशाखोरों, अपराधियों को चंद रुपयों के बदले संरक्षण देती है।
महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोतरी हो गयी, पोटाकेबिन में बच्ची की जलकर मौत, अबोध बच्ची मां बनी, नारायणपुर में मासूम बच्चियों से स्कूल में छेड़खानी। बलात्कार, सामूहिक बलात्कार की घटनायें बढ़ गयी। लूट, अपराध, डकैती, चाकूबाजी की घटनायें बढ़ गयी। अपराध और अपराधी बेलगाम हो चुके है।
भाजपा के राज में आम आदमी और आदिवासी अपने को असहाय महसूस कर रहा है। कहने को तो प्रदेश का मुखिया आदिवासी है लेकिन वह आदिवासियों को ही सुरक्षित नहीं रख पा रहा। आदिवासी समाज अपने को ठगा महसूस कर रहा है।
आदिवासियों को नक्सली बताकर प्रताड़ित किया जा रहा है। उसूर थाने में 90 गांव वालों को पुलिस पकड़ कर ले गयी उनमें से 20 को बंद कर दिया गया, 70 को दो दिन बाद छोड़ा गया।
मुख्यमंत्री को समझ ही नहीं आ रहा कि करना क्या है? अनुभवहीन गृहमंत्री दिग्भ्रमित है। कानून का राज कौन स्थापित करेगा? 6 माह में ही प्रदेश की जनता को यह लगने लगा है कि राज्य में कोई सरकार है ही नहीं है?
बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में कांग्रेस पार्टी 24 जुलाई को विधानसभा घेराव का ऐलान करती है। इस दिन पूरे प्रदेश से हजारों की संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा की मांग को लेकर विधानसभा का घेराव करेंगे।