रायपुर । राजधानी रायपुर के राजेन्द्र नगर स्थित जय बूढ़ी मां मंदिर से नुआखाई का भव्य शोभायात्रा निकाली गयी जिसे भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय एवं विधायक पुरन्दर मिश्रा ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। उक्त शोभा में चल यात्रियों को मुख्यमंत्री निवास के पास गौरैया चैक में उत्कल गाड़ा समाज द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत अभिनंदन करते हुए प्रसाद वितरण किया गया।
पुरन्दर मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि नुआखाई उत्सव सबसे पहले वैदिक काल में शुरू हुआ था जब ऋषियों ने पंचयज्ञ पर विचार-विमर्श किया था, पंचयज्ञ का एक हिस्सा प्रलम्बन यज्ञ था, जिसमें नई फसलों की कटाई और उन्हें देवी माँ को अर्पित करने का उत्सव मनाया जाता था तबसे नुआखाई मनाने की परंपरा चली आ रही है, लोग आज अपने घरों में नए फसल का स्वागत करते हैं और नए फसल से पकवान बनाकर पूजा पाठ करते है, पकवान में मुख्यताः अरसा बनाते है इसे भाजा भी कहते है जिसे चावल के आटे से बनाया जाता है। आगे उन्होने बताया कि नुवाखाई दो शब्दों नवा ़ खाई से मिलकर बना है जिसका अर्थ है नया खाना. नवाखाई मुख्यतः किसानों का त्योहार है, जिसे नए फसल के स्वागत के लिए मनाया जाता है. नुआखाई गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद मनाया जाने वाला यह त्योहार पश्चिमी ओडिशा का सबसे शुभ और महत्वपूर्ण सामाजिक त्योहार है.बता दें कि नुआखाई का इतिहास उड़ीसा से जुड़ा हुआ है या यूं कहें कि नुवाखाई की शुरुवात उड़ीसा से हुई है तो ये गंवारा न होगा।