म्यूजिक, डांस और नारों के साथ रायपुर में क्वियर प्राइड मार्च का आयोजन किया गया। यह प्राइड मार्च रविवार, 29 सितंबर 2024 को ‘क्वियरगढ़’ और ‘मितवा संकल्प समिति’ के निर्देशन में आयोजित किया गया। इस मार्च में छत्तीसगढ़ और भारत के विभिन्न हिस्सों से आए समुदाय के सदस्य और सहयोगी शामिल हुए। प्राइड मार्च दोपहर 2 बजे भारत माता चौक, शंकर नगर चौक से शुरू होकर मरीन ड्राइव, तेलीबांधा तालाब पर समाप्त हुआ। इस पूरे मार्च के दौरान LGBTQ समुदाय के सदस्य प्रोग्रेसिव प्राइड फ्लैग को थामे हुए थे। रायपुर के सभी नागरिकों ने इस मार्च का समर्थन किया और प्रेम, स्वीकृति और समानता का संदेश फैलाया। कई स्कूल और कॉलेज के छात्र भी इसमें भाग ले रहे थे, जो समानता की मांग करते हुए पोस्टर लेकर चल रहे थे। गर्म धूप का भी कोई असर लोगों के उत्साह पर नहीं पड़ा, जो स्वतंत्रता और गर्व के लिए एकजुट होकर मार्च में शामिल हुए थे। कार्यक्रम का दूसरा चरण शाम 5 बजे तेलीबांधा तालाब पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ।
इस कार्यक्रम की विशेष आकर्षण में श्याम अग्रवाल की गायन प्रस्तुति, अमन चक्रधारी का बेली डांस, सचिन सोनवानी की गायकी और अन्य समुदाय के सदस्यों की प्रतिभाओं का प्रदर्शन शामिल था। समुदाय के सदस्यों ने अपने गर्व भरे परिधानों को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिसे विभिन्न मीडिया और फोटोग्राफरों द्वारा कैद किया गया। यह प्राइड मार्च LGBTQ समुदाय की सार्वजनिक स्थानों पर दृश्यता बढ़ाने और समानता की मांगों को आवाज़ देने के लिए आयोजित किया गया था। इसने उन सभी लोगों के लिए एक मंच के रूप में भी काम किया जो समानता में विश्वास रखते हैं और इस मुहिम का समर्थन करते हैं।
मितवा संकल्प समिति की विद्या राजपूत ने कहा कि छत्तीसगढ़ क्वियर प्राइड मार्च को लेकर समुदाय के सदस्यों में बड़ी उत्सुकता है क्योंकि यह सभी को एकजुट करता है। छत्तीसगढ़ राज्य में समुदाय के लिए किए गए कार्यों की जनता ने सराहना की।
वैद शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट के धारा 377 को डीक्रिमिनलाइज करने के फैसले की व्याख्या करते हुए कहा कि भारत में अब समलैंगिकता कोई अपराध नहीं है। भारत में यौन और लिंग अल्पसंख्यक अब अपनी अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।
क्वियरगढ़ के सिद्धांत ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुसार कानूनी संरक्षण के साथ, LGBTQ समुदाय को सशक्त किया जा सकता है और समाज के समर्थन से हमारे जीवन को मुख्यधारा में भी लाया जा सकता है। लिंग और यौन अल्पसंख्यकों की स्वीकृति समाज के लिए फायदेमंद होगी। इस आयोजन को सफल बनाने में कई समुदाय के सदस्यों जैसे अंकित दास, रवि श्रीवास्तव, श्रद्धा नाथ, प्रकाश साहू, कुंवर चौहान, सौरभ रंगारी, प्रनीत घोष, ग्लामिका और अन्य का कड़ी मेहनत शामिल थी।