आंजनेय विश्वविद्यालय में ‘सृजन 3.0’ का भव्य समापन: छात्रों की सृजनात्मकता और टीम भावना का अनूठा प्रदर्शन

आंजनेय विश्वविद्यालय में ‘सृजन 3.0’ का भव्य समापन: छात्रों की सृजनात्मकता और टीम भावना का अनूठा प्रदर्शन

• छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं ऐसे कार्यक्रम: कुलाधिपति अभिषेक अग्रवाल
• सृजनात्मकता और टीम भावना को बढ़ावा देने का मंच: कुलपति डॉ. टी. रामाराव
• आदर्श विद्यालय, मोवा को सर्वाधिक भागीदारी के लिए सम्मानित किया गया
• बेस्ट स्कूल का खिताब संस्कार इंटरनेशनल स्कूल, राजनांदगांव को मिला

रायपुर। आंजनेय विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय प्रदेश स्तरीय अंतर-विद्यालयीन प्रतिस्पर्धा ‘सृजन 3.0’ का समापन समारोह आज भव्यता से संपन्न हुआ। इस आयोजन में प्रदेश के विभिन्न स्कूलों से 2000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया और अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. जैस्मिन जोशी ने बताया कि लगभग 30 स्कूलों के छात्रों ने खेल, कला, विज्ञान, सांस्कृतिक और शैक्षिक गतिविधियों में भाग लिया, जिससे उनकी रचनात्मकता और कौशल का प्रदर्शन हुआ।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि, कुलाधिपति श्री अभिषेक अग्रवाल ने विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित करते हुए कहा, “ऐसे कार्यक्रम छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। यह मंच छात्रों को अपनी क्षमताओं को पहचानने और उनके कौशल को निखारने का अवसर प्रदान करता है।”

सृजनात्मकता और टीम भावना को बढ़ावा मिला

कुलपति डॉ. टी. रामाराव ने कार्यक्रम की सफलता पर संतोष जताते हुए कहा, “सृजन 3.0 ने छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा का अवसर देने के साथ-साथ सृजनात्मकता और टीम भावना को भी बढ़ावा दिया।” उन्होंने आयोजन समिति, प्रतिभागियों और शिक्षकों का धन्यवाद किया और भविष्य में इस प्रकार के और आयोजन की उम्मीद जताई।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रति कुलाधिपति दिव्या अग्रवाल, महानिदेशक डॉ. बी. सी. जैन, प्रति कुलपति सुमित श्रीवास्तव, संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण, कर्मचारीगण और छात्रों के अभिभावक भी उपस्थित थे।

बॉक्स न्यूज़ 1: नृत्य में छाया महाभारत का अद्भुत दृश्य

नृत्य प्रतिस्पर्धा में 80 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। आदर्श विद्यालय, मोवा के बच्चों ने महाभारत युद्ध की अद्भुत प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। महाभारत के पात्रों जैसे अर्जुन, कृष्ण, भीम और दुर्योधन के साहस और संघर्ष को बच्चों ने इतनी कुशलता से प्रस्तुत किया कि पूरा मंच जीवंत हो उठा।

वहीं, चंदखुरी पीएम श्री एआरबी स्वामी आत्मानंद स्कूल के छात्रों ने छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य के माध्यम से राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत किया। पारंपरिक वेशभूषा और लोक संगीत के साथ प्रस्तुत किया गया यह नृत्य छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बना।

बॉक्स न्यूज़ 2: भारतीय संस्कृति की झलक दिखी रैंपवॉक में

रैंपवॉक में भारतीय संस्कृति की विविधता देखने को मिली। 30 से अधिक प्रतिभागियों ने पारंपरिक भारतीय परिधानों में हिस्सा लिया। साड़ी, धोती-कुर्ता, शेरवानी और पारंपरिक आभूषणों से सजे प्रतिभागियों ने विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक पहचान को खूबसूरती से प्रदर्शित किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

‘सृजन 3.0’ ने छात्रों के भीतर सृजनात्मकता को बढ़ावा देते हुए उनके विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया, जिससे उन्हें भविष्य में भी ऐसे आयोजनों में भाग लेने का प्रोत्साहन मिलेगा।

 

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