मथुरा। मथुरा में एक अजीबोगरीब और हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आयोजित विवाह समारोह में एक ऐसा जोड़ा पहुंचा, जिसने पहले से शादीशुदा होने के बावजूद फिर से शादी रचा ली। इस घटना ने जिला समाज कल्याण विभाग में हड़कंप मचा दिया।
पैसों के लालच में किया गया फर्जीवाड़ा
शनिवार को बीएसए इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 142 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ। इनमें 136 हिंदू और 6 मुस्लिम जोड़े शामिल थे। हर जोड़े को योजना के तहत 35-35 हजार रुपये कन्यादान, 5-5 हजार रुपये विवाह खर्च, और 10-10 हजार रुपये का घरेलू सामान दिया गया। इसके साथ ही दोनों पक्षों के लिए दावत का भी इंतजाम किया गया।
इसी योजना का लाभ उठाने के लालच में एक शादीशुदा जोड़ा भी कार्यक्रम में पहुंच गया और दोबारा शादी रचाई। जांच में पता चला कि उनकी शादी एक महीने पहले ही हो चुकी थी। इस जोड़े की पहली शादी के फोटो और कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।
सांप्रदायिक सौहार्द्र के साथ संपन्न हुआ कार्यक्रम
जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदू जोड़ों का विवाह पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न कराया, जबकि मुस्लिम जोड़ों का निकाह मौलवी ने करवाया। कार्यक्रम एक ही मंडप के नीचे साम्प्रदायिक सौहार्द्र के साथ सम्पन्न हुआ।
फर्जीवाड़े पर उठे सवाल
इस घटना के बाद सामूहिक विवाह योजना की प्रक्रिया और निगरानी पर सवाल खड़े हो गए हैं। अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इस जोड़े पर सख्त कार्रवाई की संभावना है।
यह घटना योजना के महत्व को कमजोर करने की कोशिश को दर्शाती है। प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है।