इस्लामिक नए साल की शुरुआत मोहर्रम के महीने से होती है। इस महीने की 10वीं तारीख को हज़रत सैय्यद ईमाम हुसैन (र.अ.) और तमाम शोहदाये कर्बला की याद में मनाया जाता है, जिसे आशूरा भी कहा जाता है। इस दिन ईमाम हुसैन और उनके घराने की अज़ीम शहादत को याद किया जाता है।
संस्थापक, मो. सज्जाद खान ने बताया कि अल्लाह की राह में जो कुर्बान होते हैं वो शहीद कहलाते हैं और ये महीना मानवता और इंसानियत का सन्देश के साथ हक़ (सच्चाई) पर कायम रहने का सन्देश देता है। किसी के ज़ुल्म के खिलाफ झुकना नहीं चाहिए, कर्बला की जंग में इंसानियत के दुश्मन यज़ीद का मुकाबला करते हुए पैगंबर के शहीद नवासे हज़रत इमाम हुसैन (र.अ.) ने पूरी कायनात को यही सन्देश दिया है।
इस अवसर पर यौमे आशूरा की नमाज़ कायम कर मो. सज्जाद खान ने विश्व में शांति समृद्धि, अमन चैन, भाईचारा की दुआ के साथ सभी धर्म वर्ग के लोगों की सेहतयाबी की दुआए की गई तथा 10दिनों तक आयोजित प्रार्थना सभा के दौरान सैकड़ों दीनदुखियों की मदद करते हुए घरेलु कलह सुलझाया गया साथ ही संस्था कार्यालय, रामनगर, रायपुर में दोपहर 2 से स्थानीय बस्ती वासियों एवं आम नागरिकों, श्रद्धालुगणों के लिए शुद्ध शाकाहारी पुलाव, दाल, सब्जी, मिष्ठान का आम लंगर (भंडारा) का आयोजन किया गया। मो. सज्जाद खान के मार्गदर्शन में संस्था के सदस्यों ने नियमित रूप से बांटे जा रहे आज *861वें* दिन शहर के अन्य स्थानों में बेसहारों, लाचार, बीमार व्यक्तियों तथा बुजुर्ग महिलाओं, मासूम बच्चों तथा अस्पताल में मरीजों के परिजनों के पास पहुँच कर उन्हें गर्म भोजन का निःशुल्क वितरण किया।
इस मौके पर संस्थापक, मो. सज्जाद खान के साथ सैय्यद ज़ाकिर हुसैन, राजेंद्र शर्मा, मो. मुश्ताक, ज़ुबैर खान, योगेश्वर सिन्हा, वसीम अकरम, राशिद बिलाल, शेख फैजान, शबीना मेहनाज़, मंजू ज्ञानचंदानी, अनमोल जैन, दिव्यांश शर्मा, डॉ. इरफ़ान, फराज खान एवं सदस्यगण मौजूद रहे।