आरजी कर मामले के दोषी ने भरी अदालत में दिया अजीब तर्क- ‘अपराध किया होता तो टूट जाती रुद्राक्ष की माला’

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आरजी कर रेप-मर्डर केस में उम्रकैद की सजा पाने वाले संजय रॉय ने सोमवार (20 जनवरी) को सेशन कोर्ट द्वारा सजा सुनाने से ठीक पहले खुद को बेगुनाह बताया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में जबरन फंसाया गया है. इस दौरान उन्होंने अपनी रुद्राक्ष माला को लेकर भी खुद के निर्दोष होने का अजीब तर्क दिया. संजय रॉय को उक्त मामले में शनिवार को ही कोर्ट ने दोषी पाया था और सोमवार को उसे उम्रकैद की सजा सुना दी गई.

सोमवार को जब उसे सेशन कोर्ट में लाया गया तो वह लगातार खुद को निर्दोष बताता रहा. उसने जज के सामने कहा कि उसने किसी तरह का कोई अपराध नहीं किया है. संजय ने कहा, ‘मैंने यह नहीं किया. मुझे फंसाया गया है. मुझे बेगुनाह साबित करने वाली कई सारी चीज़ें नष्ट दी गई, लेकिन अगर मैं यह अपराध करता तो मेरी रुद्राक्ष माला टूट जाती. अब आप ही बताइये कि मुझे फंसाया गया है या नहीं.’ हालांकि कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद संजय रॉय की इन दलीलों का कोई महत्व नहीं रह गया था.

CBI के वकील ने की अधिकतम सजा की मांग
सुनवाई के दौरान CBI के वकील ने जज अनिर्बान दास से संजय को इस अपराध के लिए अधिकतम सजा देने की गुहार लगाई. उन्होंने इसके पीछे यह दलील दी कि सजा ऐसी होनी चाहिए कि लोगों का भरोसा हमारे समाज में बना रहे. उधर, संजय के वकील ने सजा सुनाए जाने से पहले मृत्युदंड के खिलाफ तर्क दिया. उन्होंने कहा कि अभियोजक को यह साबित करना चाहिए कि संजय सुधार के लायक नहीं है और उसे समाज से पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए.

कई दिनों तक अपराध के खिलाफ होता रहा विरोध प्रदर्शन
पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर अर्धनग्न अवस्था में मृत पाई गई थी. जैसे ही यह मामला सामने आया तो महज कोलकाता ही नहीं बल्कि पूरे भारत में बवाल मचा. देशभर के डॉक्टर इस जघन्य अपराध के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे. कई दिनों तक कोलकाता समेत कई बड़े शहरों में विरोध प्रदर्शन किए गए थे. रेप-मर्डर के इस मामले में कोलकाता पुलिस के सिविक वालंटियर संजय रॉय को आरोपी बनाया गया था.

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