प्रयागराज में आयोजित हो रहा महाकुंभ न केवल करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि यह रोजगार के अवसरों का भी एक बड़ा जरिया साबित होगा। ग्लोबल टेक्नोलॉजी और डिजिटल टैलेंट सॉल्यूशंस प्रदान करने वाली कंपनी एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक, 45 दिनों तक चलने वाले इस महाआयोजन में करीब 12 लाख अस्थायी नौकरियां पैदा होंगी, जो 8 लाख से अधिक कामगारों को लाभ पहुंचाएंगी।
आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का केंद्र
महाकुंभ न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि यह आर्थिक विकास और अस्थायी रोजगार के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका प्रभाव प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों में व्यापार और वाणिज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। पर्यटन, परिवहन, स्वास्थ्य सेवाएं, आईटी, और खुदरा व्यापार जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों में रोजगार के बड़े अवसर उत्पन्न होने की संभावना है।
पारंपरिक और आधुनिक व्यवसायों को मिलेगा बढ़ावा
एनएलबी सर्विसेज के सीईओ सचिन अलुग ने कहा, “महाकुंभ का आर्थिक प्रभाव बुनियादी ढांचे के विकास, इवेंट मैनेजमेंट, सुरक्षा सेवाओं, स्थानीय व्यापार और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से दिखेगा। यह आयोजन पारंपरिक और आधुनिक दोनों व्यवसायों को बढ़ावा देगा।” अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) के अनुसार, महाकुंभ 2025 से लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधियां उत्पन्न होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, इस आयोजन में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जो इसे इतिहास का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण आयोजन बना देगा।
पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में 4.5 लाख नौकरियां
पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र महाकुंभ के दौरान सबसे ज्यादा रोजगार सृजन करेगा। होटल स्टाफ, टूर गाइड, पोर्टर और ट्रैवल कंसल्टेंट जैसी भूमिकाओं के जरिए लगभग 4.5 लाख नौकरियां उत्पन्न होंगी। यह क्षेत्र श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को प्रबंधित करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।
परिवहन और लॉजिस्टिक्स में 3 लाख अवसर
महाकुंभ के दौरान परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। ड्राइवर, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधक, कूरियर कर्मी और सहायक कर्मचारी जैसे पदों के लिए लगभग 3 लाख लोगों की आवश्यकता होगी।
चिकित्सा शिविरों में 1.5 लाख नौकरियां
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए महाकुंभ में अस्थायी चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में नर्स, पैरामेडिक्स और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए 1.5 लाख नौकरियां सृजित होंगी।
आईटी और प्रौद्योगिकी में बढ़ती मांग
डिजिटल युग में महाकुंभ का आयोजन आईटी और प्रौद्योगिकी क्षेत्र की भागीदारी के बिना अधूरा है। वर्चुअल दर्शन ऐप, रीयल-टाइम अपडेट और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में करीब 2 लाख पेशेवरों की जरूरत होगी।
महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह रोजगार और आर्थिक विकास की नई संभावनाएं लेकर आया है, जिससे लाखों लोगों को लाभ मिलेगा।