दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल की रामायण कथा पर की गई टिप्पणी ने राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है। केजरीवाल के बयान, जिसमें उन्होंने रावण को स्वर्ण हिरण का रूप धारण करते बताया, को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताया है। इस मुद्दे पर बीजेपी ने विरोध स्वरूप उपवास करने की घोषणा की, जिस पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार करते हुए तीखे बयान दिए।
‘रावण के वंशज हैं बीजेपी नेता’: संजय सिंह
AAP नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, “मुझे बीजेपी नेताओं पर हंसी आ रही है। उन्होंने आज साबित कर दिया कि वे रावण के वंशज हैं। रावण के अपमान पर प्रदर्शन करके उन्होंने यह स्वीकार कर लिया है।”
संजय सिंह ने कहा, “मैं दिल्ली की जनता से कहना चाहता हूं कि इन राक्षसी प्रवृत्ति वाले लोगों से सावधान रहें, वरना ये लोग राक्षसों की तरह जनता का शोषण करेंगे। बीजेपी का नारा अब साफ हो गया है – ‘रावण है आदर्श हमारा।'”
‘बीजेपी रावण के बचाव में जुटी’: मनीष सिसोदिया
AAP नेता मनीष सिसोदिया ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, “कल अरविंद केजरीवाल जी ने एक जनसभा में रावण पर टिप्पणी की, और पूरी बीजेपी तुरंत रावण के बचाव में कूद पड़ी, जैसे वे खुद रावण के वंशज हों।”
सिसोदिया ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा, “इनकी राजनीति इतनी नीचे गिर गई है कि अब ये रावण जैसे प्रतीक का सहारा लेकर अपनी बयानबाजी को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने जनता को आगाह करते हुए कहा कि ये नेता *चुनाव के बाद गरीबों, मजदूरों और झुग्गीवासियों के लिए रावण से भी बड़ा खतरा बन सकते हैं।
‘उपवास रखूंगा’: वीरेंद्र सचदेवा
बीजेपी दिल्ली प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल के बयान का प्रायश्चित करने के लिए उपवास करेंगे। उन्होंने कहा, “हिंदू धर्म में जब पाप होता है, तो उसका प्रायश्चित कष्ट सहकर किया जाता है। मैंने दिल्ली वालों के लिए उपवास रखा है ताकि इस अधर्मी (केजरीवाल) के बयान की छाप ना पड़े।”
सचदेवा ने कहा, “केजरीवाल रामायण की गलत व्याख्या कर रहे हैं। उन्होंने रावण को सोने का हिरण बना दिया। ऐसे अधर्मी से मुक्ति के लिए हमारा यह उपवास है।”
AAP-BJP के बीच बढ़ा टकराव
इस विवाद ने दिल्ली चुनाव में सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है। जहां बीजेपी ने इसे सनातन धर्म के अपमान का मुद्दा बनाकर धार्मिक भावनाओं को साधने की कोशिश की है, वहीं आम आदमी पार्टी इसे राजनीतिक नौटंकी करार दे रही है।
दिल्ली के मतदाताओं के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सियासी महाभारत में किसकी रणनीति उन्हें प्रभावित करती है।