केंद्र सरकार ने कैब सेवा प्रदाताओं ओला और उबर को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि अलग-अलग मोबाइल यूजर्स के लिए एक ही यात्रा का किराया अलग क्यों दिखता है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी साझा की।
एंड्रॉयड और आईफोन पर अलग किराए का मामला
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ओला और उबर को यह नोटिस उपयोगकर्ताओं के मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम (एंड्रॉयड या आईओएस) के आधार पर एक ही स्थान की यात्रा के लिए कथित तौर पर अलग-अलग किराए दिखाने को लेकर भेजा है।
जोशी ने अपने पोस्ट में लिखा, “उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सीसीपीए के माध्यम से ओला और उबर से यह स्पष्ट करने को कहा है कि एक ही जगह की यात्रा के लिए आईफोन और एंड्रॉयड फोन पर अलग-अलग किराए क्यों दिखाए जा रहे हैं।”
उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन का मामला
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए इसे उपभोक्ता के पारदर्शिता के अधिकार का उल्लंघन बताया। उन्होंने पिछले महीने उपभोक्ता शोषण को कतई बर्दाश्त न करने की बात कही थी और सीसीपीए को इस मामले की गहन जांच के निर्देश दिए थे।
सोशल मीडिया पर हुआ था वायरल
यह मामला दिसंबर 2024 में उस समय तूल पकड़ गया, जब एक एक्स यूजर ने दो अलग-अलग फोन (आईफोन और एंड्रॉयड) पर उबर ऐप के किराए की तुलना करते हुए तस्वीरें साझा कीं। पोस्ट के अनुसार, एक ही स्थान की यात्रा के लिए दोनों फोन पर अलग-अलग किराए दिखाए गए थे। इस पोस्ट के वायरल होने के बाद, उबर ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि फोन के प्रकार के आधार पर किराए में अंतर नहीं किया जाता।
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ओला और उबर से स्पष्टीकरण मांगा है। अब यह देखना होगा कि कैब सेवाप्रदाता कंपनियां इस आरोप का क्या जवाब देती हैं।