परिजनों पर क्या बीतती होगी? सुसाइड के बढ़ते मामलों को लेकर टीकाराम जूली की CM को सलाह

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देश के कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में एक ही दिन में एक छात्र और एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। यह इस साल का छठा मामला है। सरकार और प्रशासन के सभी प्रयासों के बावजूद इन घटनाओं पर रोक लगती नहीं दिख रही। इस गंभीर समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सर्वदलीय बैठक बुलाने का सुझाव दिया है।

टीकाराम जूली ने जताई गहरी चिंता
टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कोटा में बढ़ते आत्महत्या के मामलों को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने लिखा, “गत कुछ दिनों में कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामले बेहद हृदयविदारक हैं। सबसे अधिक मामले कोटा से सामने आ रहे हैं, जो शिक्षा और कोचिंग का केंद्र माना जाता है। 22 जनवरी को ही दो छात्रों ने अपनी जान ले ली।”

“22 दिनों में 5 छात्रों ने आत्महत्या की”
जूली ने आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि पिछले 22 दिनों में 5 छात्रों ने आत्महत्या की है और बीते एक साल में 20 से अधिक छात्र अपनी जान ले चुके हैं। उन्होंने लिखा, “यह बेहद चिंताजनक और स्तब्ध कर देने वाला है कि अब एक ही दिन में कई आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। यह छात्रों के परिवारों पर क्या प्रभाव डालता होगा, इसकी कल्पना करना भी कठिन है।”

शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए
उन्होंने कहा कि आत्महत्या के मामलों की जांच में यह पाया गया है कि छात्रों पर अच्छे प्रदर्शन का दबाव आत्महत्या का एक बड़ा कारण है। जूली ने सवाल किया, “शिक्षा प्रणाली में ऐसी क्या खामियां हैं, जो छात्रों को जीवन बनाने के बजाय, जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर कर रही हैं?”

सर्वदलीय बैठक की मांग
जूली ने मुख्यमंत्री से इस संवेदनशील मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की अपील की। उन्होंने लिखा, “मेरा निवेदन है कि राज्य सरकार इस गंभीर मुद्दे पर त्वरित और सख्त कदम उठाए। यदि इस पर सभी दलों के साथ चर्चा कर युवाओं के हित में उपाय किए जाएं, तो बेहतर होगा।”

छात्र आत्महत्या के हालिया मामले

  1. 7 जनवरी: हरियाणा के नीरज जाट ने हॉस्टल में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वह जेईई की तैयारी कर रहा था।
  2. 8 जनवरी: मध्य प्रदेश के अभिषेक ने पंखे से लटककर जान दे दी।
  3. 16 जनवरी: ओडिशा के अभिजीत गिरी ने पीजी के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
  4. 22 जनवरी: गुजरात की अफ्शा शेख ने, जो नीट की तैयारी कर रही थी, आत्महत्या कर ली।
  5. 22 जनवरी: असम के पराग ने कोटा के महावीर नगर फर्स्ट क्षेत्र में अपनी जान दे दी।

सरकार के लिए बड़ी चुनौती
कोटा में आत्महत्या के बढ़ते मामले सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। तमाम उपायों के बावजूद यह समस्या गहरी होती जा रही है। अब देखना होगा कि क्या मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाकर कोई ठोस कदम उठाते हैं।

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