चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर और अन्य पदों के चुनाव को पारदर्शी बनाने के लिए मेयर कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी।
कुलदीप कुमार की मांग
कुलदीप कुमार ने याचिका में आग्रह किया है कि मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव सीक्रेट बैलेट के बजाय पार्षदों के हाथ उठाकर किया जाए। साथ ही, चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज को पर्यवेक्षक नियुक्त करने की मांग की गई है।
पिछले साल का विवाद
गौरतलब है कि पिछले साल चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित धांधली को लेकर काफी विवाद हुआ था। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां 20 फरवरी, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह के आचरण पर सख्त टिप्पणी की थी और चुनाव परिणाम पलटते हुए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया था। कोर्ट ने पाया था कि कुलदीप कुमार को मिले 8 वोट गलत तरीके से अमान्य कर दिए गए थे।
चुनाव की तारीख और याचिका पर कार्रवाई
इस साल मेयर पद के लिए चुनाव 24 जनवरी को होना था। हालांकि, कुलदीप कुमार की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए चुनाव की तारीख 29 जनवरी के बाद तय करने को कहा। अब चुनाव 30 जनवरी को होंगे।
इस बीच, पिछले साल जैसी धांधली की आशंका जताते हुए कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। शुक्रवार, 24 जनवरी को इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच में हुई। बेंच ने याचिका में उठाए गए मुद्दों पर विचार करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब मांगा है।
अगली सुनवाई 27 जनवरी को
चुनाव की तारीख करीब होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर 27 जनवरी को सुनवाई तय की है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए क्या दिशा-निर्देश देता है।