प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं में इन पोषक तत्वों की हो जाती है कमी, एक्सपर्ट से जानें कैसे होगी ये कमी पूरी?

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प्रेग्नेंसी के 9 महीने से लेकर प्रसव के बाद तक का समय एक महिला के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान गर्भवती स्त्री जो कुछ भी खाती है उसी से बच्चे को भी पोषण मिलता है। इसलिए महिला को अपने खाने पीने का विशेष ध्यान रखना होता है। प्रसव के बाद महिला को अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग भी करानी होती है, जिसके लिए उन्हें एक दिन में करीब 21 सौ कैलोरी की जरुरत होती है। एक सामान्य महिला को प्रतिदिन करीब 1600 कैलोरी की जरुरत होती है। बच्चे के विकास के लिए कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो एक महिला को अपने आहार में शामिल करना ही चाहिए।

आशा आयुर्वेदिक में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा ने बताया कि प्रेगनेंसी के दौरान तो महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी सजग रहती हैं और हर बात का ध्यान रखती हैं। लेकिन प्रसव के बाद बच्चे की देखभाल में ऐसी व्यस्त हो जाती हैं कि उन्हें अपने शरीर का बिलकुल होश नहीं रहता है। इस दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से महिला बहुत जटिल परिस्थितियों से गुजर रही होती है। चलिए जानते हैं प्रेग्नेंसी के बाद शरीर का ढंग से ध्यान नहीं रखने से महिलाओं के शरीर में किन पोषक तत्वों की कमी हो सकती है?

शरीर में इन पोषक तत्वों की हो सकती है कमी:
आयरन: आयरन महिलाओं के लिए बहुत जरुरी पोषक तत्व है क्यूंकि एक महिला को पीरियड्स के दौरान भी हर महीने रक्तस्राव होता है और प्रसव के बाद तो यह आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। एक बच्चे को जन्म देते समय गर्भवती महिला के शरीर से काफी खून निकलता है जिसकी भरपाई करने के लिए आयरन बहुत जरुरी है।

आयोडीन: बच्चे के विकास के लिए आयोडीन बहुत जरुरी है। इससे बच्चे के मस्तिष्क का विकास होता है इसलिए प्रसव के बाद महिला को पर्याप्त मात्रा में आयोडीन का सेवन जरूर करना चाहिए।

कैल्शियम: प्रसव के बाद माँ और बच्चे दोनों के लिए कैल्शियम बहुत जरुरत होता है। कैल्शियम आपकी हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है और अगर डिलीवरी के बाद महिला के शरीर में इसकी कमी हो जाये तो शरीर हड्डियों से इसकी आपूर्ति शुरू कर देता है। जिससे आपकी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड: बच्चे के मस्तिष्क और आँखों की दृष्टि के विकास के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड बहुत जरुरी है। प्रसव के बाद महिलाओं के शरीर द्वारा ही बच्चे का विकास भी निर्धारित होता है इसलिए उस दौरान आवश्यकताएं बदल जाती हैं। इसलिएअपने शरीर के आवश्यकतानुसार डाइट चार्ट बनवा लेनी चाहिए।

कमी कैसे होगी पूरी?
आयरन: आयरन के प्राकृतिक स्रोत के रूप में आप हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, गुड़, रेड मिट, बींस, सी फ़ूड, दालें को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

आयोडीन: इसके प्राकृतिक स्रोत के रूप में मछली, योगर्ट, आयोनाइज़्ड नमक, अंडे, दूध, आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कैल्शियम: कैल्शियम के प्राकृतिक स्रोत के रूप में आप दूध, मखाना, टोफू, हरी पत्तेदार सब्जियां, पनीर, ब्रोकली आदि का प्रयोग कर सकते हैं।

ओमेगा 3 फैटी एसिड: ओमेगा 3 फैटी एसिड के प्राकृतिक स्रोत के रूप में आप बींस, डेयरी प्रोडक्ट्स, सीड्स, दाल, नट्स, आदि का सेवन कर सकते हैं।

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