प्रयागराज में महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार उमड़ रही है। आम लोगों की तरह कई बॉलीवुड सितारे भी संगम नगरी पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। आज, 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या का शाही स्नान हो रहा है, और इस ऐतिहासिक अवसर से ठीक एक दिन पहले बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक कबीर खान भी प्रयागराज पहुंचे। उन्हें बीती शाम एयरपोर्ट पर देखा गया। इस्लाम धर्म से संबंध रखने के बावजूद, कबीर खान ने महाकुंभ में हिस्सा लेने का निर्णय लिया और बताया कि वे शाही स्नान के अवसर पर संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे। उन्होंने इस आयोजन को लेकर अपनी आध्यात्मिक जुड़ाव और उत्साह भी साझा किया।
कुछ दिन संगम नगरी में बिताएंगे कबीर खान
कबीर खान कुछ दिनों तक प्रयागराज में रहने की योजना बना चुके हैं। उन्होंने त्रिवेणी संगम—जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं—में स्नान करने की अपनी इच्छा जाहिर की। मान्यता है कि इस स्नान से पापों का नाश होता है और आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है। एएनआई से बातचीत के दौरान, उन्होंने 12 वर्षों में एक बार होने वाले महाकुंभ मेले के महत्व को रेखांकित किया और इसे भारतीय सभ्यता का एक अनूठा आयोजन बताया।
मुस्लिम होने के बावजूद कबीर खान ने किसी भी धार्मिक भेदभाव को दरकिनार करते हुए यह स्पष्ट किया कि उनके लिए यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और विरासत का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारत की गहरी जड़ें और विविधता में एकता का संदेश देता है।
एकता और भारतीयता का दिया संदेश
कबीर खान ने कहा, “यह हिंदू या मुस्लिम होने का सवाल नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति और सभ्यता से जुड़ने का विषय है। अगर आप खुद को भारतीय मानते हैं, तो आपको इन परंपराओं को महसूस करना चाहिए।” उनका यह बयान अब चर्चा में है, और लोग उनकी सोच की सराहना कर रहे हैं। उन्होंने धार्मिक सीमाओं से ऊपर उठकर भारत की सांस्कृतिक विरासत को अपनाने का संदेश दिया।
कबीर खान की चर्चित फिल्में
निर्देशन की बात करें तो कबीर खान ने कई हिट फिल्में दी हैं। उनकी हालिया फिल्म चंदू चैंपियन, जिसमें कार्तिक आर्यन मुख्य भूमिका में थे, आलोचकों द्वारा सराही गई थी, हालांकि यह बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा सफल नहीं रही। यह फिल्म पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर के जीवन पर आधारित थी।
इससे पहले, उन्होंने रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण स्टारर 83 का निर्देशन किया था, जो 1983 में भारत की क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत की कहानी पर आधारित थी। सलमान खान के साथ उन्होंने बजरंगी भाईजान, एक था टाइगर और ट्यूबलाइट जैसी सुपरहिट फिल्में भी बनाई हैं।
कबीर खान का महाकुंभ में आना, धार्मिक सीमाओं से ऊपर उठकर भारतीयता को अपनाने का संदेश देना, और सांस्कृतिक एकता को महत्व देना, एक सकारात्मक पहलू के रूप में देखा जा रहा है।