
प्रकृति की ओर सोसायटी के अध्यक्ष मोहन वर्ल्यानी एवं सचिव निर्भय धाडीवाल ने विज्ञप्ति भेज कर बताया कि प्रकृति की और सोसायटी द्वारा जीवंत कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें
हर्बल गुलाल बनाने की सरल विधि का प्रशिक्षण एवं तैयार गुलाल का प्रदर्शन डॉ .नारायण साहू
अधिष्ठाता एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक,महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय ,दुर्ग द्वारा वृंदावन हाल, सिविल लाइन, रायपुर में किया गया.. प्रशिक्षण के दौरान डॉ. साहु ने बतलाया कि हर्बल गुलाल बनाने के लिए मुख्य रुप से हमे दो सामग्रियों की आवश्यकता होती है. 1. माध्यम 2. रंग
माध्यम के लिए आरारोट श्रेष्ठ होता है.. जबकी रंग के लिए… विभिन्न प्रकार के पुष्प, पत्तेदार शब्जीयां,चुकुंदर,हल्दी पावडर, सिंदूर आदि..
डॉ .नेहा सोरी आदित्य,
चर्म रोग विशेषज्ञ और कॉस्मेटोलॉजिस्ट) ने बताया की रासायनिक गुलाल जिसमे लीड, आरसनीक आदि मिला होता है का दुषपरिणाम हमारे शरीर पर पड़ सकता है जबकी जैविक वस्तुओं से तैयार किया गया गुलाल हर दृष्टिकोण से हमारे शरीर में विशेषत: आंखो में, त्वचा में, श्वसनीय प्रणाली पर हमला नही करता.. स्वागत भाषण अध्यक्ष मोहन वर्ल्यानी एवं आभार प्रदर्शन दलजीत बग्गा मंच संचालन लक्ष्य टारगेट, डॉ अनिल चौहान, आर के जैन, सुनीता चंदसोरिया, सुरेश बनी, श्वेता चौरे सदस्य उपस्थित थे
