पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश के धरनारत कर्मचारियों का समर्थन करते हुए कहा कि कर्मचारियों की मांग जायज है। प्रदेश सरकार के हठधर्मिता के चलते कर्मचारी संगठन के लोगों धरना पर चले गये है। कर्मचारी व अधिकारियों ने डीए व एचआरए की मांग को लेकर धरना पर चले गये है। इनके धरना को कुचलने का प्रयास प्रदेश की कांग्रेस की सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के करीब 98 कर्मचारी संगठन के चार लाख से अधिक कर्मचारी व अधिकारी धरना पर है। जिन्होंने देय तिथि से केन्द्र के समान डीए व सांतवे वेतनमान के मुताबिक एचआरए की मांग की है। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश सरकार को करीब दो लाख रूपए की राशि प्रति कर्मचारी को देना होगा और जिसके आधार पर प्रदेश सरकार की ओर से 8 हजार रूपये का भुगतान किया जाना है। लेकिन प्रदेश की सरकार को कर्मचारियों की चिंता भी जरा भी नहीं है। इस कारण है पूरे प्रदेश के कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कर्मचारियों व शिक्षकों के धरना में चले जाने से प्रशासनिक व शैक्षणिक व्यवस्था चरमरा गयी है। सरकारी में अपने कार्यों के लिये आम लोग भटक रहे हैं तो स्कूल में पढ़ाई नहीं रही है। इसके साथ ही कर्मचारी नेताओं के खिलाफ अपराधिक मामले भी दर्ज किये जा रहे हैं जो निंदनीय है। इसे लेकर भी कर्मचारियों संगठन में रोष है। पूर्व नेता प्रतिपक कौशिक ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों- अधिकारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए तत्काल उनके मांगों को पूरा करना चाहिये। इसके साथ ही धरनारत कर्मचारी-अधिकारियों के संवाद किया जाना चाहिये।