हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस साल एक तिथि का क्षय होने के कारण नवरात्रि 9 के बजाय 8 दिनों के होंगे। चैत्र नवरात्रि का पहला दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को है। चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025, शनिवार को है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना या कलश स्थापना भी की जाती है।
CG News : IAS जयप्रकाश मौर्य भी कोयला घोटाले में फंसे
घटस्थापना या कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त- घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। घटस्थापना की शुभ अवधि 04 घंटे 08 मिनट की है। घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। कलश स्थापना की कुल अवधि 50 मिनट है।
प्रतिपदा तिथि कब से कब तक– प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर प्रारंभ होगी और 30 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी।
मां शैलपुत्री पूजा विधि- मां शैलपुत्री के पूजन के लिए सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें। एक चौकी लें और उसे गंगाजल से छिड़ककर शुद्ध कर लें। माां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करें। मां दुर्गा के समक्ष धूप, दीप व शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाएं। मां शैलपुत्री को भोग लगाएं व आरती उतारें। दुर्गा चालीसा व सप्तशती पाठ करें।
CG Crime News : हिस्ट्रीशीटर की चाकू से गोदकर हत्या, भिलाई में जघन्य वारदात
मां शैलपुत्री भोग– मां शैलपुत्री की सवारी गाय है। इसलिए मान्यता है कि मां को गाय से बनी चीजों का भोग प्रिय है। आप मां शैलपुत्री को खीर या दूध से बनी मिठाइयों को भोग लगा सकते हैं।
मां शैलपुत्री मंत्र- 1. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नमः
2. या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
नवरात्रि के पहले दिन का शुभ रंग- नवरात्रि के पहले दिन का शुभ नारंगी है। मान्यता है कि इस दिन नारंगी रंग के वस्त्र पहनना शुभ होता है।