6 मार्च को देश भर में 500 स्थानों पर अमेज़न,फ्लिपकार्ट सहित विदेशी कंपनियों के पुतलों की होली जलेगी – अमर पारवानी

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि भारत में ई कॉमर्स व्यापार को बेहद विषाक्त करने तथा उसके स्वरुप को विकृत करने के विरोध में प्रचंड प्रदर्शन करते हुए देश भर के व्यापारी संगठन आगामी 6 मार्च को देश के सभी राज्यों के विभिन्न शहरों में विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट सहित विभिन्न विदेशी कंपनियों के पुतले की होली जलाएंगे और केंद्र सरकार से जोरदार शब्दों में उपभोक्ता क़ानून के अंतर्गत ई कॉमर्स के नियम एवं ई कॉमर्स पालिसी को जारी करने की मांग करेंगे ! यह घोषणा आज यहाँ दिल्ली में करते हुए कैट ने कहा की अब वक़्त आ गया है जब सरकार को ई कॉमर्स व्यापार की निगरानी एवं देख रेख के लिए सेबी अथवा ट्राई की तर्ज़ पर एक अधिकार संपन्न रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन भी करना चाहिए जिससे विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा सरकार की नीतियों के लगातार उल्लंघन और मनमानी पर लगाम लगाई जा सके !

कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया की 6 मार्च को देश में 500 से अधिक स्थानों पर अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट सहित अन्य विदेशी कंपनियों के पुतलों की होली जलाकर देश भर के व्यापारी इन कंपनियों द्वारा भारतीय ई कॉमर्स व्यापार को बंधक बनाये जाने के प्रति अपने गुस्से का इजहार करेंगे ! उन्होंने यह भी कहा की ई कॉमर्स पालिसी तथा ई कॉमर्स के नियमों का मामला एक लम्बे समय से लंबित है और जिस तरह से अन्य सभी व्यापारों के लिए नियम एवं क़ानून हैं, उसी प्रकार ई कॉमर्स के लिए भी नियम, क़ानून एवं नीति की सख्त जरूरत है !

श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट के अलावा न केवल माल देने बल्कि सेवाओं के देने में भी अन्य ई कॉमर्स कंपनियों ने अपने माया जाल से स्थापित व्यापारियों के व्यापार को बहुत हानि पहुंचाई है जिसमें मुख्य रूप से खाने पीने का सामान, ट्रेवल एवं टूरिज्म, शिक्षा, लॉजिस्टिक्स, दवाइयां, ऑनलाइन खेल आदि क्षेत्र शामिल हैं ! यदि इस ओर ध्यान देकर आवश्यक कदम नहीं उठाये गए तो वो दिन दूर नहीं जब देश के रिटेल व्यापार का एक बड़ा हिस्सा विदेशी कंपनियों के कब्जे में होगा !

श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की ई कॉमर्स के विकृत स्वरूप के कारण देश का खुदरा एवं थोक व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिनमें ख़ास तौर पर मोबाइल एवं मोबाइल अक्सेसरीज़ , किराना, मसाले, एफएमसीजी प्रोडक्ट्स, गिफ्ट का सामान, रेडीमेड गारमेंट्स, फुटवियर, चश्मे, घड़ियाँ, दवाइयां तथा फार्मेसी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, होम फर्निशिंग, खिलौने, सब्जियां एवं ड्राई फ्रूट्स, खाने पीने का सामान, किचन इक्विपमेंट्स,बिल्डर्स हार्डवेयर, ऑफिस इक्विपमेंट्स, स्टेशनरी, कागज़, इलेक्ट्रिकल का सामान आदि प्रमुख हैं ! उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह स्थिति जारी रही तो यह कंपनियां अपनी मनमानी करते हुए बाकी बचे सभी व्यापारों को अपने कब्जे में ले लेंगी !

श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट जैसे विदेश कंपनियों ने देश के ई कॉमर्स व्यापार को बुरी तरह से विषाक्त कर दिया है और पिछले अनेक वर्षों से खुले आम सरकार की नीति, नियमों एवं क़ानून का उल्लंघन करते हुए न केवल ई कॉमर्स व्यापार बल्कि रिटेल व्यापार में अस्थिरता बनाये हुए हैं ! इन कंपनियों को यह लगता है की भारत के क़ानून बेहद कमजोर हैं और यदि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी होती है तो देश के नामी वकीलों को मोटी फीस देकर न्याय व्यवस्था में कानूनी दांव पेंच करते हुए न्यायिक प्रक्रिया को बेहद लम्बा कर देंगे ! कैट ने केंद्रीय वाणिज्य एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री श्री पियूष गोयल से यह भी आग्रह किया है की देश के ई कॉमर्स व्यापार की देख -रेख करने तथा उल्लंघन करने पर कार्रवाई के अधिकारों के सहित ट्राई एवं सेबी की तरह एक रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन भी किया जाए !

 

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